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बड़ी बहू संभालेंगी मुलायम सिंह की विरासत, मैनपुरी उपचुनाव के लिए सपा ने बनाया प्रत्याशी

Dimple Yadav

Dimple Yadav

लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने लोकसभा क्षेत्र मैनपुरी के उपचुनाव के लिए  को प्रत्याशी घोषित किया है। सपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इसकी जानकारी दी गई।

मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव 2022 के लिए समाजवादी पार्टी ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ( Dimple Yadav) का नाम प्रत्याशी के रूप में घोषित कर दिया है। डिंपल इससे पहले कन्नौज की सांसद थीं। गौरतलब है कि मैनपुरी में 5 दिसंबर 2022 को उपचुनाव होने हैं। मैनपुरी लोकसभा सीट मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई है। इस सीट पर यादव परिवार का कई दशकों से कब्जा रहा है।

2009 डिंपल यादव ( Dimple Yadav) ने लड़ा था पहला चुनाव

44 वर्षीय डिंपल यादव (Dimple Yadav) ने अपना पहला चुनाव 2009 में लड़ा था, जब अखिलेश यादव ने फिरोजाबाद सीट छोड़ी थी। इस उपचुनाव में डिंपल यादव को मशहूर अभिनेता और राजनेता राज बब्बर को हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 2012 में कन्नौज लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था, जिसमें डिंपल यादव निर्विरोध जीत गई थीं।

इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में भी डिंपल यादव ने कन्नौज से चुनाव लड़ा और जीतीं, लेकिन 2019 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। बीजेपी के सुब्रत पाठक ने डिंपल यादव को करीब 10 हजार वोटों से हरा दिया था। अब अखिलेश यादव ने डिंपल को मैनपुरी से चुनाव मैदान में उतारा है। इस सीट पर 1996 से ही सपा जीतती हुई आई है।

मैनपुरी सीट का मतलब यादव परिवार

मैनपुरी सीट का जब भी जिक्र आता है तो यादव परिवार का जिक्र लाजिमी है। 1996 में मुलायम सिंह यादव इसी सीट से लोकसभा पहुंचे थे। इसके बाद 1998 और 1999 का चुनाव सपा के टिकट पर बलराम यादव ने जीता था। 2004 में मुलायम सिंह यादव एक बार फिर जीते, लेकिन कुछ दिन बाद ही मुख्यमंत्री बनने के कारण मुलायम सिंह यादव ने सीट छोड़ दी। इसके बाद हुए उपचुनाव में धर्मेंद्र यादव जीते थे।

2009 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव फिर जीते। इसके बाद 2014 का लोकसभा चुनाव मुलायम सिंह यादव ने दो सीटों (मैनपुरी और आजमगढ़) लड़ा और दोनों पर जीत हासिल की। फिर मुलायम सिंह ने मैनपुरी सीट छोड़ दी, जिस पर हुए उपचुनाव में तेज प्रताप यादव जीते थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में मुलायम फिर मैनपुरी सीट से जीते थे।

मैनपुरी में हमेशा चला है मुलायम का जादू

मैनपुरी सीट के रास्ते ही सैफई परिवार की तीन पीढ़ियों ने संसद का सफर तय किया। मैनपुरी में चुनावी रथ पर सवारी चाहे किसी की भी रही हो, लेकिन उस रथ के सारथी हमेशा मुलायम सिंह यादव ही रहे। मैनपुरी लोकसभा सीट पर मुलायम सिंह यादव का जादू चलता रहा है, जिसके आगे सारे समीकरण ध्वस्त हो जाते थे।

इस सीट पर सवा चार लाख यादव, शाक्य करीब तीन लाख, ठाकुर दो लाख और ब्राह्मण मतदाताओं की वोटों एक लाख है। वहीं दलित दो लाख, इनमें से 1।20 लाख जाटव, 1 लाख लोधी, 70 हजार वैश्य और एक लाख मतदाता मु्स्लिम है। इस सीट पर यादवों और मुस्लिमों का एकतरफा वोट सपा को मिलता है।

डिंपल (Dimple Yadav) को प्रत्याशी बनाने पर बीजेपी का तंज

डिंपल यादव (Dimple Yadav) के प्रत्याशी बनने पर बीजेपी ने तंज कसा है। बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, ‘सपा में कार्यकर्ता तो केवल जिंदाबाद-मुर्दाबाद नारे लगाने के लिए बचे हैं, चुनाव लड़ने का अधिकार केवल सैफई कुनबे के पास, मैनपुरी में इस बार भाजपा का कमल खिलेगा।’ खैर अभी बीजेपी ने अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया है।

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