कानपुर। आगजनी मामले में फरार चल रहे सपा विधायक इरफान सोलंकी (Irfan Solanki) ने आखिरकार शुक्रवार को कमिश्नर ऑफिस में सरेंडर कर दिया। उनके साथ उनके भाई भी पहुंचे। इसके बाद पुलिस ने दोनों को अरेस्ट कर लिया। सपा नेता लंबे समय से फरार चल रहे थे। कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर रखा था। मालूम हो कि बीजेपी सांसद सत्यदेव पचौरी (Satyadev Pachauri) का बयान सामने आने के बाद उन्होंने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कानपुर सांसद ने कहा कि सीसामऊ के सपा विधायक के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जांच स्वतंत्र, निष्पक्ष और तथ्यों के आधार पर की जानी चाहिए।
सांसद से जब पूछा गया कि क्या उन्होंने सोलंकी की पत्नी और मां को प्रमुख सचिव, गृह सहित कुछ वरिष्ठ अफसरों से मिलाने में मदद की? इस पर उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को यह अधिकार है कि वह अधिकारियों के संज्ञान में मामले लाकर उनसे मदद मांगे। हालांकि, बीजेपी नेता ने इरफान सोलंकी के मामले में किसी तरह के दखल देने या परिवार की मदद के लिए किसी से कहने से इनकार किया है।
दंगा, आगजनी मामले में चल रहे हैं फरार
पुलिस ने 8 नवंबर को सोलंकी (Irfan Solanki) और रिजवान पर एक महिला के साथ भूमि विवाद के बाद दंगा और आगजनी करने का मामला दर्ज किया था। महिला ने उन पर उसके घर को जलाने का आरोप लगाया था। यह एफआईआर शहर में डिफेंस कॉलोनी जाजमऊ की नजीर फातिमा की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी। फातिमा का आरोप है कि उसके पास पॉश डिफेंस कॉलोनी में 535 वर्ग गज का एक प्लॉट है, जहां वह 1986 से रह रही थी। विधायक और उसके भाई ने उसकी लगभग 200 वर्ग गज जमीन हड़प ली है। वहीं केस दर्ज करने के बाद पुलिस की एक टीम ने सपा विधायक और उनके भाई के घर छापेमारी की, लेकिन उनका पता नहीं चल सका।
सतीश महाना से जांच समिति बनाने की अपील
इरफान सोलंकी ने एक वीडियो संदेश जारी कर आरोपों का खंडन किया। साथ ही उन्होंने यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से अपने खिलाफ लगे आरोपों की ठीक से जांच करने और न्याय सुनिश्चित करने के लिए विधायकों की एक समिति बनाने का अनुरोध किया है।
अब फर्जी आधार कार्ड मामले में दर्ज हुआ है केस
सपा विधायक इरफान सोलंकी पर अब फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल कर हवाई यात्रा करने के मामले में केस दर्ज किया गया है। पुलिस का दावा है कि इरफान ने नकली नाम से दिल्ली और मुंबई की हवाई यात्रा की। आधार कार्ड में उनकी तस्वीर थी, लेकिन नाम अशरफ अली लिखा हुआ था। पुलिस ने इरफान और उनके भाई रिजवान सोलंकी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। साथ ही विधायक की इस काम में मदद करने के लिए 4 लोगों को भी गिरफ्तार किया है।
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संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि विधायक की मदद करने के लिए सपा नेत्री नूरी शौकत, अख्तर मंसूरी, अनवर मंसूरी और अली को गिरफ्तार किया गया है। चारों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। इशरत अली और अम्मार इलाही नाम के दो और लोगों को भी गिरफ्तार किया जाना अभी बाकी है। पुलिस का कहना है कि विधायक कथित तौर पर गिरफ्तारी से बचने के लिए फर्जी पहचान पत्र का इस्तेमाल कर दिल्ली से मुंबई पहुंचे थे। विधायक इरफान सोलंकी दो आपराधिक मामलों में वांछित हैं।