• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

सुभाष चन्द्र बोस जयंती पर विशेष: नेता जी से बापू भी मान चुके हैं हार

Writer D by Writer D
23/01/2021
in Main Slider, ख़ास खबर, राष्ट्रीय, विचार, शिक्षा
0
Subhash Chandra Bose Jayanti

Subhash Chandra Bose Jayanti

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

ईपीसी भारत

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती आज यानी की 23 जनवरी को बड़े पैमाने पर पूरे देश में मनायी जा रही है। वह भले ही आज हमारे बीच नहीं है,लेकिन उनके द्वारा किये गये कार्य आज भी देश विदेश के लोगों को स्वाभिमान के साथ जिने की प्रेरणा देते हैं।

यह नेताजी के अंदाज व तेवर ही थे,जो देश की आजादी में मील का पत्थर साबित हुये। आज उन्हीं की बात, किस्सा उस दौर का जब महात्मा गांधी भी नेता जी से हार मान गये थे।

नेताजी सुभाष चंद्र के तेवरों से अंगे्रज अधिकारी भयभीत रहते थे। यह उनका ही तरीका था जिससे ब्रिटिश राज्य हिलकर रह गया था। सुभाष चन्द्र ने भारत की आजादी में अपना अहम योगदान दिया। इसी के कारण उन्हें नेताजी कह कर बुलाया जाता है।

DM के पास पहुंची युवती ने कन्यादान में मांगी सड़क, जानिए फिर क्या हुआ?

बताया जाता है कि उस दौर में भी राजनीति चरम पर थी,जिसके कारण सुभाष चन्द्र बोस को अपनी अलग पार्टी बनाकर चुनाव लडऩा पड़ा था। नेताजी का चुनाव लडऩा अपने आप में ऐतिहासिक घटना थी।

साल 1937 में वाम राजनीति अपने चरम पर थी,उस समय सरकार कांग्रेस की थी,इतना ही नहीं कांग्रेस पार्टी जमीन पर काम भी जम कर रही थी। यह वह दौर था जब अक्सर कहा जाता था कि अंगे्रजों को भारत छोडऩे पर इसी समय मजबूर किया जा सकता है।

एलएसी पर चीन भारतीय सेना की करा रहा जासूसी, खुफिया एजेंसी ने जारी किया अलर्ट

फिर आया साल 1939 उस समय नेताजी कांग्रेस में ही हुआ करते थे और कांग्रेस अध्यक्ष के लिए चुनाव होना था। जिसके लिए नेताजी ने अपना नाम घोषित कर दिया,यह बात गांधी जी को अखर गयी।  गांधी जी ने उम्मीदवार के तौर पर सीतारामैया का नाम पेश किया और उन्हें ही चुनाव खुलकर लड़ाया

लेकिन वह चुनाव हार गये,वहीं सुभाष चन्द्र बोस चुनाव जीत गये। जिस पर महात्मा गांधी ने कहा था कि यह मेरी हार है।

Tags: 125th subhash chandra jyantimahatama gandhiNational newsneta ji subhash chander jayantiSubhash Chandra Jayanti
Previous Post

स्वावलंबन से समृद्धि की ओर उत्तर प्रदेश

Next Post

राष्ट्रवाद, साहस और त्याग की मूर्ति हैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस : एम. वेंकैया नायडू

Writer D

Writer D

Related Posts

Maa Lakshmi
धर्म

तुलसी के सामने जलाएं रोज दीपक, प्रसन्न हो जाएंगी मां लक्ष्मी

23/10/2025
Worship
धर्म

पूजा घर के आसपास न रखें ये सामान, हो जाएगा बड़ा नुकसान

23/10/2025
Bitter Gourd
Main Slider

करेले के साथ ना करें इन चीजों का सेवन, होता है नुकसानदायक

23/10/2025
Kitchen
Main Slider

रसोई में कभी भी न रखें ये चीजें, चली जाएगी बरकत

23/10/2025
fire
Main Slider

इंदिरापुरम: 5 मंजिला इमारत में लगी भीषण आग, फायर ब्रिगेड ने कड़ी मशक्कत के बाद पाया काबू

22/10/2025
Next Post
एम. वेंकैया नायडू M. Venkaiah Naidu

राष्ट्रवाद, साहस और त्याग की मूर्ति हैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस : एम. वेंकैया नायडू

यह भी पढ़ें

amanatullah khan

अमानतुल्लाह खान को बड़ी राहत, गिरफ्तारी पर कोर्ट ने लगाई रोक

13/02/2025
CM Dhami

मानव वन्यजीव संघर्ष में अब 6 लाख मिलेगा अनुग्रह राशि

10/12/2022
Bus

तेज रफ्तार ट्रेक्टर से कुचल कर बालक की मौत

24/01/2023
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version