लखनऊ। योगी सरकार (Yogi Government) अपने दूसरे कार्यकाल में प्रदेश में चलने वाले वाहनों की रफ्तार (Speed of vehicles) को कुशल और दक्ष हाथों में सौंपने की बड़ी तैयारी कर रही है। परिवहन विभाग को बरेली, झांसी और अलीगढ़ में ड्राइविंग टेस्टिंग और ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (डी.टी.टी.आई) खोलने का लक्ष्य सौंपा गया है। इन केन्द्रों पर टेस्ट पास करने वाले परीक्षार्थी को ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी होंगे।
टेस्ट पास न करने वालों को बीच में ही रोक दिया जाएगा। इंस्टीट्यूट में वाहन चलाने की ट्रेनिंग के दौरान यातायात नियमों की पूर्ण जानकारी दी जाएगी। प्रणालीगत और प्रभावशाली प्रशिक्षण की पहल से राज्य मार्गों पर होने वाली दुर्घटनाएं काफी कम हो जाएंगी।
पहली बार प्रदेश के तीन प्रमुख शहरों में खुलने जा रहे इन ड्राइविंग टेस्टिंग और ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूटों में मैनुअल ड्राइविंग टेस्टिंग के साथ- साथ सेंसर युक्त ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक भी तैयार होंगे। इस ट्रैक पर लगे सेंसर टेस्ट देते समय परीक्षार्थी की गलती को तुरंत पकड़ लेंगे। गलती सुधारने और कुशल ड्राइविंग के गुर सीखने के अवसर लोगों को मिलेंगे।
लक्ष्य प्राप्त करने के लिए टीम वर्क के साथ आगे बढ़ेगी टीम यूपी
वाहन चालाकों को यातायात नियमों की पूरी जानकारी होने पर सड़क सुरक्षा भी प्रभावी बन सकेगी। प्रदेश में परिवहन की सेवाओं में अभूतपूर्व सुधार लाने के साथ ही राज्य सरकार पहली बार एक ही स्थान पर ड्राइविंग, टेस्टिंग और प्रशिक्षण की व्यवस्था करने जा रही है।
इससे ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले लोगों को भी सहूलियत मिलेगी। टेस्ट किसी दूसरी जगह देने और लाईसेंस के लिए तीसरी जगह दौड़-भाग से उनको मुक्ति मिल जाएगी। गौरतलब है कि सड़क सुरक्षा को प्रभावी बनाने के लिए योगी सरकार लगातार प्रयासरत है। पिछले कार्यकाल के दौरान सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों को रोकने के लिए उसने सड़क सुरक्षा माह की शुरुआत की। जागरूकता कार्यक्रम चलाए। इनमें परिवहन, स्वास्थ्य, स्कूल, कॉलेज और सामाजिक संस्थाओं को भी शामिल किया गया।