लखनऊ। सपा अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने करहल सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। अखिलेश के इस ऐलान के बाद सपा को बड़ा झटका लगा है।
करहल से सपा नेता रघुपाल सिंह भदौरिया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी में शामिल हो गए। इतना ही नहीं उन्होंने अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं।
रघुपाल सिंह समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव रहे हैं। रघुराज सिंह का आरोप है कि सपा में यादव परिवार के लोगों को या बिरादरी के लोगों को ही मौका मिलता है। मैं करहल से ग्राम प्रधान भी रहा हूं। हमेशा सपा के लिए काम किया। पूर्व सैनिक हूं। पर वहां अखिलेश जी ने मेरी नहीं सुनी। वहां की जनता मेरे साथ है। मैं बीजेपी उम्मीदवार के लिए काम करूंगा।
अखिलेश मैनपुरी की करहल सीट से चुनाव लड़ेंगे। समाजवादी पार्टी ने गुरुवार को अखिलेश की सीट का ऐलान किया था। पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव का इस सीट से करीबी जुड़ाव रहा है। मुलायम सिंह यादव ने करहल के जैन इंटर कॉलेज से ही शिक्षा ग्रहण की थी और वे यहां पर शिक्षक भी रहे। करहल मुलायम सिंह यादव के गांव सैफई से महज चार किलोमीटर की दूरी पर है। करहल सीट पर पिछले 7 बार से सपा का कब्जा है। 2017 की लहर में भी बीजेपी इस सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई थी।
चंद्रशेखर ने जारी किया भीम पार्टी का घोषणा पत्र, किसानों की कर्जमाफी का किया वादा
यूपी बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेई ने कहा, ब्राह्मणों को लेकर गलत प्रचार किया जा रहा है। यूपी का शत प्रतिशत ब्राम्हण समाज भाजपा के साथ है। इसके साथ ही लक्ष्मीकांत वाजपेई ने एक बार फिर साफ कर दिया कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा, मैंने 6 महीने पहले ही कह दिया था कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा। अपर्णा यादव के बीजेपी में शामिल होने पर उन्होंने कहा, जो परिवार से आएगा, उसे जगह दी जा रही है, हम परिवार नहीं तोड़ रहे।
लखनऊ कार्यालय पर लक्ष्मीकांत वाजपेई की मौजूदगी में बीजेपी को किसान शक्ति जनतांत्रिक पार्टी, मानवता वादी समाज पार्टी, राष्ट्रवादी ब्राह्मण महासंघ, हिंदू युवा वाहिनी ने समर्थन देने का ऐलान किया।