लखनऊ। राजाजीपुरम में सेंट मैरी स्कूल (St. Mary’s School) परिसर के आवास में मंगलवार सुबह प्रिंसिपल की 10वीं कक्षा में पढ़ने वाली बेटी ने बोर्ड परीक्षा के तनाव में फांसी लगा ली। नौकरानी ने शव फंदे पर लटकता देख माता-पिता को सूचना दी। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन को सौंप दिया। स्कूल के संस्थापक व चर्च के बिशप जॉन ऑगस्टिन परिवार के साथ स्कूल परिसर में रहते हैं। उनकी पत्नी स्वप्ना ऑगस्टिन स्कूल की प्रिंसिपल हैं। मंगलवार सुबह स्वप्ना किसी काम से आलमबाग गई थीं। जॉन दिल्ली जाने के लिए कार से घर से निकले थे। बड़ी बेटी सेरा स्कूल में पढ़ाई कर रही थी। छोटी बेटी जॉयस जोयस ऑगस्टिन (16) घर पर अकेली थी।
सुबह करीब दस बजे नौकरानी जॉयस के कमरे में गईं तो देखा, वह पंखे से चादर के फंदे से लटक रही है। यह देख जॉयस के माता-पिता को सूचना दी। परिजन बेटी को फंदे उतारकर पास के अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। एडीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैंगिंग की पुष्टि हुई है। मामले में किसी तरह का कोई आरोप नहीं है।
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21 फरवरी से जॉयस की बोर्ड परीक्षा शुरू होनी थी। पिता जॉन के मुताबिक वह अच्छे अंक लाने को लेकर बेहद परेशान थी। इस वजह से तनाव में रहती थी। आशंका है कि इसी तनाव से उसने खुदकुशी कर ली। बेटी की मौत से परिवार सदमे में है।
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परिजन ने बताया कि जॉयस हमेशा फर्स्ट आती थी। वह हंसमुख थी। बोर्ड परीक्षा को लेकर वह तनाव में आई तो उसकी काउंसिलिंग भी की थी। समझाया था कि परेशान न हो। अच्छे से पढ़ाई करो, नंबर भी अच्छे आएंगे, पर शायद वह पढ़ाई का दबाव नहीं झेल सकी।