जौनपुर। उत्तर प्रदेश में जौनपुर के रहने वाले एक कथित समाजसेवी को राज्य पुलिस के विशेष कार्यबल (STF) ने नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
एसटीएफ की ओर से रविवार को जारी बयान में बताया गया कि लखनऊ स्थित राज्य सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना जौनपुर के निवासी दिलीप राय बलवानी को गिरफ्तार किया गया। बलवानी को एसटीएफ (STF) ने शनिवार को रात में लखनऊ स्थित डी कैथनाल कॉम्प्लेक्स के पास थाना क्षेत्र विभूति खण्ड से गिरफ्तार किया है।
उसके पास से 11 कूटरचित फर्जी नियुक्ति पत्र, अन्य दस्तावेज और 06 मोहरें, 05 मोबाइल फोन तथा एक लग्जरी कार बरामद की है। जौनपुर जिले में सदर तहसील एवं सिकरारा थाना क्षेत्र के द महुआ गांव का निवासी कथित तौर पर समाजसेवी के रूप में लगभग आधा दर्जन निजी सुरक्षागार्ड लेकर तीन चार गाड़ियों के काफिले में चलता था । एसटीएफ ने बताया कि बलवानी का एक गिरोह है, जो लखनऊ स्थित सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर सैकड़ो लोंगो से ठगी करके पैसा वसूलता है।
विगत एक माह से लगातार एसटीएफ को खबर मिल रही थी कि लखनऊ सचिवालय में नौकरी देने के नाम पर ठगी का कारोबार चल रहा है। इस सूचना पर एसटीएफ ने इन्सपेक्टर अतुल चतुर्वेदी के नेतृत्व में एक टीम गठित करते हुए छानबीन शुरू की। टीम ने एकत्रित सबूतों और सूचनाओं के आधार पर ठगी गिरोह के सरगना बलवानी को गिरफ्तार किया है।
सलमान खान को पुलिस ने लिया हिरासत, जानें पूरा मामला
एसटीएफ के अनुसार अब बलवानी के नेटवर्क में शामिल लोगों की भी छानबीन करायी जायेगी। खबर है कि जल्द ही एसटीएफ जौनपुर में बलवानी के ठिकानों पर छानबीन के लिये आ सकती। एसटीएफ की मानें तो राज्य सरकार के एक मंत्री को अपना खास बता कर वह ठगी का खेल धड़ल्ले से चला रहा था। एसटीएफ को पूछताछ में बलवानी ने बताया कि उसका भाई मंजीत काफी समय से नौकरी दिलाने के नाम बड़ी संख्या में लोंगो को ठगी का शिकार बना चुका है।
इनमें जनपद बलिया के मुक्तेश्वर सिंह से 15 लाख रुपये, जौनपुर निवासी परमेन्द्र सिंह से 17 लाख रुपये, उपेंद्र सिंह लखीमपुर खीरी से 05 लाख रुपये, सुरेन्द्र यादव आजमगढ़ से 18 लाख रुपये और प्रमोद सिंह लखनऊ से 05 लाख रुपये सहित सैकड़ाें लोगों से ठगी करने की बात उसने स्वीकार की है। एसटीएफ के अनुसार दिलीप राय बलवानी ठगी के जुर्म में कई बार जेल की यात्रा कर चुका है। इसके उपर अभी तक 10 अपराधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।