नई दिल्ली| दूरंसचार कंपनियां को समायोजित सकल आय (एजीआर) से संबंधित बकाया चुकाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल, टाटा टेलीसर्विसेज जैसी दूरसंचार कंपनियों को समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) से संबंधित बकाया चुकाने के लिए दस साल का समय दिया। कोरोना काल में एक तरह से देखा जाए तो इस फैसले से एयरटेल, वोडाफोन को बड़ी राहत मिली है।
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अरुण मिश्री की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने मंगलवार को कहा कि 31 मार्च 2021 तक टेलीकॉम कंपनियां अपने कुल बकाया का 10 फीसदी चुकाएंगी। साथ ही शेष राशि को 31 मार्च, 2031 तक किस्तों में भुगतान किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि कोरोना के चलते ये समय बढ़ा रहे हैं। साथ ही कोर्ट ने हिदायत दी कि समय पर भुगतान नहीं करने पर कंपनियों को कोर्ट की अवमानना कार्रवाही का सामना करना पड़ेगा।
21 जुलाई को न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने दूरसंचार कंपनियों द्वारा समायोजित सकल राजस्व से संबंधित बकाये के भुगतान की समय सीमा के मसले पर सुनवाई पूरी कर ली थी और पीठ ने इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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न्यायालय ने भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया जैसी निजी संचार कंपनियों से कहा था कि वे इस बकाया राशि के भुगतान के बारे में तर्कसंगत योजना पेश करें और अपनी नेकनीयती का परिचय देने के लिए इस रकम में से कुछ राशि का भुगतान करें तथा पिछले दस साल के अपने खाते पेश करें।