नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के पुत्र अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) की सदस्यता रद्द होने के मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार कर दिया है। बुधवार को जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले में यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट 5 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई करेगा।
सुनवाई के दौरान अब्दुल्ला आजम के वकील विवेक तन्खा ने कहा कि अपराध के समय अब्दुल्ला (Abdullah Azam) नाबालिग थे, इसलिए उन्हें दो साल की सजा नहीं दी जा सकती। तब कोर्ट ने कहा कि जुवेनाइल का मुद्दा आपको निचली कोर्ट में उठाना चाहिए था। अब्दुल्ला आजम के वकील ने कहा कि हमने य़े मुद्दा उठाया था लेकिन निचली अदालत ने खारिज कर दिया था। बाद में हाई कोर्ट ने भी खारिज कर दिया था।
दरअसल, 15 साल पहले 29 जनवरी, 2008 को छजलैट की स्थानीय पुलिस ने पूर्व मंत्री आजम खान की कार को चेकिंग के लिए रोका था, जिससे उनके समर्थक भड़क गए थे। इस पर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया था। इस हंगामे में अब्दुल्ला समेत नौ लोगों को आरोपित बनाया गया था।
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पुलिस ने सभी लोगों पर सरकारी काम में बाधा डालने और भीड़ को उकसाने के आरोप में केस दर्ज किया था। ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में आजम खान और अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) को दोषी करार देते हुए दो-दो साल की सजा सुनाई थी। उसके दो दिन बाद ही उन्हें यूपी विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था।