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लंबे ‘लिव इन’ में रहने वाली महिला नहीं लगा सकती रेप का आरोप: सुप्रीम कोर्ट

Writer D by Writer D
06/03/2025
in Main Slider, क्राइम, नई दिल्ली, राष्ट्रीय
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Live-in Relationship

Live-in Relationship

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि लंबे समय तक लिव इन (Live-in Relationship) में रहने के बाद महिला अपने साथी पर बलात्कार का आरोप नहीं लगा सकेगी। बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने रेप केस में यह फैसला सुनाया है। खास बात है कि दोनों एक दशक से ज्यादा समय तक साथ रहे थे। अदालत ने इसे रिश्तों में खटास आने का मामला करार दिया है। साथ ही अपीलकर्ता पुरुष को आपराधिक कार्यवाही से राहत दी है।

16 सालों तक रहा संबंध टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि ऐसे हालात में यह स्पष्ट नहीं किया जा सकता कि शारीरिक संबंध सिर्फ शादी के वादे के आधार पर बनाए गए थे। महिला के आरोप थे कि वह आरोपी बैंक अधिकारी के साथ शादी के वादे के आधार पर 16 सालों तक संबंध(Live-in Relationship) बनाती रही। याचिका पर जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच सुनवाई कर रही थी।

रिश्तों में खटास का मामला है, कोर्ट ने कहा शिकायतकर्ता महिला पेशे से लेक्चरर हैं। अदालत ने उनकी याचिका स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट का कहना है कि दोनों ही पढ़े लिखे हैं और संबंध सहमति से बने थे, क्योंकि अलग-अलग शहरों में रहने के बाद भी दोनों का एक-दूसरे के घर पर आना जाना था। अदालत ने कहा कि यह स्पष्ट तौर पर रिश्तों में खटास आ जाने का मामला है।

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सुप्रीम कोर्ट को सवाल अखबार के अनुसार, बेंच ने कहा, ‘यह मानना मुश्किल है कि शिकायतकर्ता करीब 16 सालों अपीलकर्ता की हर मांग पर झुकती रही हैं और इस बात पर बगैर विरोध जताए रहीं कि अपीलकर्ता शादी के झूठे वादे के आधार पर उनका यौन शोषण कर रहा था। 16 सालों का लंबा समय, जिस दौरान दोनों के बीच शारीरिक संबंध बगैर रोक टोक जारी रहे। यह इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए पर्याप्त है कि रिश्तों में कभी भी जबरदस्ती या धोखा देने की बात नहीं थी।’

कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर इस बात को मान भी लिया जाए कि कथित तौर पर शादी का वादा किया गया था, तो इतने समय तक उनका रिश्ते में रहना उनके दावों को कमजोर करता है।

Tags: delhi newslive in relationshipSupreme Court
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