नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को बड़ा आदेश जारी करते हुए SBI को बॉन्ड नंबर (Electoral Bond) का खुलासा करने का आदेश दिया है। एसबीआई (SBI) चेयरमैन को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नोटिस जारी कर सोमवार तक जवाब तलब किया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एसबीआई (SBI) को आदेश दिया कि वो बॉन्ड की खरीद की तिथि, बॉन्ड नंबर के अलावा जो अल्फा न्यूमेरिक नंबर है और भुनाने की तारीख, उसका भी वह खुलासा करें।
साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने SC रजिस्ट्रार को आदेश दिया है कि वो सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) मे जमा डाटा को कल शाम 5 बजे तक चुनाव आयोग को सौंपे। कोर्ट ने ईसीआई (ECI)को आदेश दिया है कि जो डेटा अदालत के पास है, वो रजिस्ट्री से मिलने के बाद पोर्टल पर प्रदर्शित करें।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पिछले महीने की 15 तारीख को इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम (Electoral Bond Scheme) अभियान ही को असंवैधानिक करार दे दिया था।साथ ही, एसबीआई (SBI) को आदेश दिया था कि वह 12 अप्रैल 2019 के बाद जारी हुए और भुनाए गए सभी बॉन्ड की जानकारी चुनाव आयोग (Election Commission) को दे जिसको चुनाव आयोग (Election Commission) को 15 मार्च की शाम 5 बजे तक अपनी वेबसाइट पर पब्लिश करना था।
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सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने कहा कि हमने आदेश दिया था कि आप पूरा डेटा डिस्क्लोज करेंगे, लेकिन आपने पूरा डेटा नहीं दिया। सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई (SBI) से कहा कि आपने हमारे आदेश के बाद भी यूनिक नंबर क्यों डिस्क्लोज नहीं किया? सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एसबीआई (SBI) को बॉन्ड नंबर का खुलासा करने को कहा। इसके बाद एसजी ने कहा कि इस मामले में एसबीआई (SBI) पक्षकार नहीं है।
इस पर सीजेआई (CJI) ने कहा कि एसबीआई (SBI) को सभी जानकारी चुनाव आयोग (Election Commission) के साथ साझा करनी चाहिए थी। खरीदने की तारीख, उसे भुनाने की तारीख आदि। एसबीआई (SBI) ने इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) का नंबर शेयर नहीं किया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एसबीआई (SBI) को नोटिस जारी किया और अब मामले की सुनवाई सोमवार को होगी। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) , जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की।
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने चुनावी बॉन्ड (Electoral Bond ) मामले में उसके 11 मार्च के आदेश के एक हिस्से में संशोधन का अनुरोध किया था। निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने कहा था कि आदेश में कहा गया था कि सुनवाई के दौरान सीलबंद लिफाफे में उसके द्वारा सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को सौंपे गए दस्तावेजों की प्रतियां निर्वाचन आयोग (Election Commission) के कार्यालय में रखी जाएंगी। निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने कहा कि उसने दस्तावेजों की कोई प्रति नहीं रखी है।