दिवाली के अगले दिन जब आप उठेंगे तो सूर्य ग्रहण (Surya Grahan ) के सूतक (Sutak) शुरू हो चुके होंगे। दरअसल इस बार 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लग रहा है। सूर्य ग्रहण शाम 4:40 बजे से 5:24 बजे तक रहेगा। इससे 12 घंटे पहले ग्रहण का सूतक काल शुरू हो जाएगा।
यानी 24 अक्टूबर से ही सूर्य ग्रहण शुरू हो जाएगा। सूतक काल में मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं। सूर्य ग्रहण के बाद ही मंदिरों की साफसफाई के बाद मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं।
यह सूर्य ग्रहण (Surya Grahan ) देश के कई भागों में दिखाई देगा, इसलिए ग्रहण का ज्योतिषीय महत्व है। आंशिक सूर्य ग्रहण 25 अक्तूबर को शाम 4:40 बजे से 5:24 बजे तक रहेगा। सूर्यास्त का समय 5:27 बजे है। इसलिए ग्रहण की अवधि 47 मिनट तक रहेगी। आंशिक सूर्य ग्रहण का परिमाण 36 प्रतिशत होगा।
जब चंद्रमा, पृथ्वी व सूर्य के बीच में आ जाता है और चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है, उस समय पृथ्वी से देखने पर हमें सूर्य ग्रहण दिखाई देता है। ऐसा अकसर अमावस्या के दिन होता है। लेकिन जब चंद्रमा की स्थिति सूर्य और पृथ्वी को मिलाने वाली सरल रेखा के समीप होती है तब आंशिक ग्रहण होता है।