पटना। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Modi) ने आज कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बालू माफिया को संरक्षण देने वाले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के आगे घुटने टेक दिये हैं, इसलिए पुलिस और खनन विभाग के अधिकारियों पर लगातार जानलेवा हमले होने के बाद भी न माफिया पर कड़ी कार्रवाई होती है, न राजद के बड़बोले मंत्रियों पर शिकंजा कसा जाता है।
श्री मोदी (Sushil Modi) ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री को खनन विभाग अपने पास रखना चाहिए और माफिया से लड़ते बलिदान हुए दारोगा प्रभात रंजन के आश्रितों को एक करोड रुपये की विशेष अनुग्रह राशि देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जमुई में बालू माफिया के लोगों ने ट्रैक्टर से कुचल कर दारोगा की हत्या कर दी, जबकि राजद कोटे के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को इस ‘घटना की जानकारी नहीं’ थी और उन्हीं की पार्टी के मंत्री चंद्रशेखर इसे रूटीन अपराध बताकर हत्यारों का बचाव करते रहे।
भाजपा सांसद ने कहा कि बालू माफिया ने सारण, औरंगाबाद से जमुई तक, पूरे खनन क्षेत्र में इस साल के 11 महीनों में 12 बड़े हमले किये। जमुई में केवल दारोगा प्रभात रंजन को नहीं, बिहार पुलिस का मनोबल कुचलने की कोशिश की गई।
उन्होंने कहा कि राजद की राजनीतिक फंडिग कर बालू माफिया पुलिस ही नहीं, नीतीश सरकार पर दबाव बनाने की स्थिति में आ गया है, इसलिए सशस्त्र खनन पुलिस बल के गठन और ड्रोन कैमरे से निगरानी की डपोरशंखी घोषणाएं लागू नहीं हो पायीं।
श्री मोदी (Sushil Modi) ने कहा कि ‘लालू और बालू’ का पुराना रिश्ता श्री नीतीश कुमार के पलटी मारने और राजद के सत्ता में आने से खनन क्षेत्र में अपराध बढ़ने का कारण बन गया। उन्होंने कहा कि सत्ता-संरक्षित बालू माफिया के कारण इस सरकार के 14 महीनों में गैंगवार, पुलिस और खनन विभाग के अधिकारियों पर हमले की 50 से अधिक घटनाओं में दो दर्जन लोग मारे जा चुके हैं। गैंगवार में हजारों राउंड गोलियां चलीं और दो दर्जन पोकलेन मशीनें फूंकी गई।