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स्वदेशी कोवैक्सीन तीसरे चरण के ट्रायल में 81 फीसदी असरदार

कोवैक्सीन bharat biotech covaxin

कोवैक्सीन

लखनऊ। भारत की स्वदेशी वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ अपने तीसरे चरण के ट्रायल में 81 फीसदी तक असरदार साबित हुई है। यह जानकारी बुधवार को इस वैक्सीन को तैयार करने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने दी।

भारत बायोटेक ने बताया कि वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल 25,800 लोगों पर किए गए थे। आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) के साथ किया गया। ये ट्रायल भारत में अब तक के सबसे बड़े स्तर का क्लिनिकल ट्रायल है।

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बता दें कि भारत में कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ टीकाकरण के महाअभियान का दूसरा चरण चल रहा है। देश में दो वैक्सीन लगाई जा रही हैं, जिनमें एक कोवैक्सीन और दूसरी ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की ‘कोविशील्ड’ शामिल हैं।

इससे पहले मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई वरिष्ठ नेताओं और हस्तियों ने कोरोना वायरस के खिलाफ टीके की खुराक लगवाई थी। उल्लेखनीय है कि नरेंद्र प्रधानमंत्री मोदी ने भी खुद देश में निर्मित कोवैक्सीन की खुराक लगवाई थी।

जानें क्या है कोवैक्सीन, कैसे करती है काम?

कोवैक्सीन को भारत बायोटेक ने आईसीएमआर के साथ मिलकर बनाया है। इसके निर्माण में मृत कोरोना वायरस का इस्तेमाल किया गया है, ताकि वैक्सीन से लोगों को कोई नुकसान न पहुंचे। यह वायरस के खिलाफ शरीर में एंटीबॉडी पैदा करती है।

कोवैक्सीन और कोविशील्ड, दोनों वैक्सीन दो खुराक वाली हैं। दोनों खुराक के बीच 28 दिन का अंतर रखना है। मतलब ये कि आपने दोनों में से किसी वैक्सीन की पहली खुराक अगर आज ली है, तो दूसरी खुराक आपको उसके 28वें दिन लेनी है।

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