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बिहार में 5 साल के 22.09 फीसदी बच्चों में मिले कुपोषण के लक्षण,  इसमें 8.8 प्रतिशत बच्चे ज्यादा गंभीर  

पटना. बिहार में 5 साल के 22.09 प्रतिशत बच्चों में कुपोषण के लक्षण मिले हैं, जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) पर व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त करने का निर्देश दिया है ताकि बच्चों को कुपोषित होने से बचाया जा सके।

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स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में 22.09 फीसदी कुपोषित बच्चों की पहचान की गई है। इनमें 8.8 फीसदी बच्चे अति गंभीर हैं और उन्हें इलाज की जरूरत है। उन्होंने कहा राज्य में पांच साल तक के बच्चों की सुरक्षा को लेकर विभाग पूरी तरह से कटिबद्ध है। इसके तहत राज्य के पोषण पुनर्वास केंद्रों (एनआरसी) पर सभी व्यवस्थाएं चुस्त-दुरूस्त करने के निर्देश दिए गए हैं।

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वहीं मंगल पांडेय ने कहा कि इन पोषण पुनर्वास केंद्रों पर कुपोषित बच्चों की कई तरीके से देखरेख की जा रही है। इसकी मॉनीटरिंग के लिए हाल ही में विभाग ने 34 कम्युनिटी बेस्ड केयर स्टैंडर्ड (सीबीसीई) तथा 27 फीडिंग डेमोन्स्ट्रेटर (एफडी) नियुक्त किए हैं। उन्होंने कहा कि तैनात सभी सीबीसीई और एफडी कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र तक पहुंचाने में अभिभावकों को जागरूक और प्रेरित करने के साथ-साथ उनके लिए डायट चार्ट उपलब्ध करवाएंगे, ताकि बच्चों का वजन और उनकी लंबाई उम्र के हिसाब से विकसित हो सके।

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