बरसात का समय बढ़ते संक्रमण की वजह से बहुत परेशानी वाला होता हैं और बिमारियों का खतरा बढ़ जाता हैं। इसलिए इस समय में खुद की और बच्चों की देखभाल करना बहुत जरूरी हो जाता हैं। लेकिन क्या आप जानते है कि बरसात के दिनों में पेट्स (Pets) का ख्याल रखना भी जरूरी हो जाता हैं। क्योंकि बरसात जिस तरह आपके बच्चों को नुकसान पहुंचाती हैं उसी तरह पेट्स को भी नुकसान पहुंचाती हैं। इसलिए आज हम आपको पेट्स (Pets) की देखभाल से जुड़े टिप्स बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
ग्रूमिंग रूल
रोज़ एंटी-सेप्टिक शैंपू से डॉग को नहलाएं। नहलाने के बाद पैट की बॉडी को अच्छी तरह से सुखाएं। वेटरिनेरियन ने जो भी आपके पैट को सुरक्षित और इंफेक्शन से दूर रखने के लिए वैक्सीनेशन बताएं है वो लगाना न भूलें।
वजन का ध्यान
अगर आपके पैट का वजन ज्यादा होगा तो उसे वॉक पर ले जाना मुश्किल हो जाएगा। इंसानों के साथ-साथ जानवरों के लिए भी शारीरिक रूप से सक्रिय रहना जरूरी है। उन्हें संतुलित, फाइबर से प्रचुर डाइट दें। वजन को संतुलित रखने के लिए रनिंग या सीढ़ी चढ़ने का तरीका अपना सकते हैं।
वॉक पर जब जाएं
जिन जगहों पर पानी भरा हो, वहां पर जाने से बचें। ऐसी जगहों पर मच्छरों के काटने का भी खतरा रहता है और आपके पैट को नुकीले पत्थरों, धातु या शीशे के टुकड़ों से चोट लग सकती है। मानसून में कुत्तों को संक्रमण आसानी से अपना शिकार बना लेता है इसलिए उनमें किसी भी प्रकार के घाव या चोट को नज़रअंदाज़ न करें। बाहर से आने पर उनकी बॉडी से धूल-मिट्टी को अच्छी तरह से साफ करके बॉडी को सुखाएं।
गर्म पानी का इस्तेमाल
मानसून के दौरान पैट्स को भी पीने के लिए साफ पानी देना चाहिए। कुत्तों की इम्युनिटी कमजोर होती है और इस वजह से उनमें दूषित पानी से जनित बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है। अपने पैट के पानी के कंटेनर में साफ, ठंडा और उबला हुआ पानी रखें। इससे दस्त और पेट से संबंधित संक्रमणों का खतरा नहीं रहेगा।
ग्रूमिंग का रखें ध्यान
डॉग को भी ग्रूमिंग पसंद आती है। हालांकि, अगर आपका पैट खुद को चाटते या खुजलाते हुए दिखे या उसमें से गंदी बदबू आ रही हो तो ये बैक्टीरियल या फंगल संक्रमण हो सकता है। बेहतर होगा कि आप समय पर वेटरिनेरियन से बात करें।