अफगानिस्तान में तालिबान राज कायम होने के बाद फिर से कड़े कट्टरपंथी नियमों को लागू किया जा रहा है। इन नियमों को नहीं मानने पर कड़ी सजा दी जा रही है।
पिछले दिनों अफगानिस्तान में एक शादी में संगीत बजाने की कीमत 13 लोगों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी है। अफगानिस्तान के पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने ट्विटर पर इस घटना की जानकारी दी है।
अमरुल्लाह सालेह ने ट्विटर पर लिखा कि तालिबान लड़ाकों ने नेंगरहार में एक शादी की पार्टी में बज रहे संगीत को बंद करने के लिए 13 लोगों की हत्या कर दी। हम सिर्फ निंदा करके अपना क्रोध व्यक्त नहीं कर सकते। 25 साल तक पाकिस्तान ने उन्हें अफगान संस्कृति को खत्म करने और हमारी धरती पर कब्जा करके आईएसआई के कट्टर शासन की स्थापना के लिए ट्रेनिंग दी। जो अब अपना काम कर रहे हैं।
Taliban militiamen have massacred 13 persons to silence music in a wedding party in Nengarhar. We can’t express our rage only by condemnation. For 25 years Pak trained them to kill Afg culture & replace it with ISI tailored fanaticism to control our soil. It is now in works. 1/2
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) October 30, 2021
सालेह ने लिखा कि यह शासन लंबे समय तक नहीं चलेगा। लेकिन दुर्भाग्य से इसके अंत तक अफगान लगातार इसकी कीमत चुकाते रहेंगे।
सोशल मीडिया पर लोग सालेह का समर्थन कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि यह घटना बिल्कुल सच है लेकिन देश में इसकी खबर देने के लिए अब स्वतंत्र मीडिया नहीं है। दूसरे यूजर ने लिखा कि मैं सहमत हूं, इन सब के पीछे पाकिस्तान है। वहीं एक यूजर ने तालिबान और आईएसआईएस दोनों को मुस्लिमों के लिए घातक बताया।
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इससे पहले भी सालेह पाकिस्तान पर निशाना साध चुके हैं। पाकिस्तानी मीडिया की कुछ रिपोर्ट्स भी तालिबान और पाकिस्तान की दोस्ती की गवाही दे रही हैं।
खबर है कि पाकिस्तान ने तालिबान की ओर से नियुक्त ‘राजनयिकों’ को अपने यहां अफगान मिशनों के लिए गुपचुप तरीके से काम करने की अनुमति दे दी है।