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तालिबान को हुआ अपनी गलती का एहसास, लड़कियों की शिक्षा को लेकर कही ये बात

Taliban

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तालिबान (Taliban) के एक अधिकारी ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा है कि सरकार के नियंत्रण वाले मदरसे में हर उम्र की लड़कियां पढ़ाई के लिए जा सकती हैं। बयान देने वाले मंसूर अहमद राजधानी काबुल में शिक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता हैं। हालांकि, मंसूर अहमद ने कहा है कि मदरसे में पढ़ने के लिए एक शर्त है और वह ये कि लड़कियों को अपनी उम्र के ही मदरसे में तालीम के लिए जाना होगा। कहने का अर्थ ये है कि बड़ी उम्र की महिलाएं, छोटी लड़कियों के मदरसे में पढ़ाई के लिए नहीं जा सकतीं।

मंसूर अहमद, तालिबानी सरकार (Talibani Government) के अधिकारी ने पर यह नहीं बताया कि मदरसा जाने वाली लड़कियों की तादाद कितनी है। ऐसे में जब तक कोई अंतर राष्ट्रीय संस्था इस दावे को तथ्य और सबूत के साथ वेरिफाई न कर दे, तालिबानी अधिकारी की बात को दावा ही समझना चाहिए। दरअसल अफगानिस्तान दुनिया का अकेला ऐसा देश है जहां महिलाओं की शिक्षा पर रोक है। एक साल पहले अफगानिस्तान की सरकार ने यह कह कर महिलाओं की पढ़ाई पर पाबंदी लगा दी थी कि इससे समाज का तानाबाना बिगड़ रहा है। साथ ही तालिबान का कहना था कि कुछ विषय ऐसे हैं जिनसे इस्लाम की शिक्षाओं का अनादर हो रहा है।

अफगानिस्तान में 20 हजार मदरसा

अफगानिस्तान में कुल तकरीबन 20 हजार मदरसा हैं। इनमें से लगभग 13 हजार 500 मदरसे ऐसे हैं जो अफगानिस्तान की सरकार के नियंत्रण में हैं। साल 2021 के अगस्त महीने में अफगानिस्तान में तालिबानी शासन के आने के बाद से देश में महिलाओं पर पहरे हैं। न सिर्फ उन्हें परदे में रहना पड़ रहा है बल्कि वह इस संकट में हैं कि वह अपनी समस्याओं को किस से बयान करें।

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जो सबसे बड़ी अड़चन इस में फिलहाल है, वह महिलाओं की शिक्षा को लेकर है। उन्हें पढ़ाई करने, स्कूल जाने की इजाजत नहीं है मगर अब तालिबानी अधिकारी के दावे के बाद थोड़ी उम्मीद जगी है।

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