तालिबान के एक लड़ाके ने अशांत पर्वतीय प्रांत में संदिग्ध परिस्थितियों में एक अफगान लोक गायक की गोली मारकर हत्या कर दी। उनके परिवार ने रविवार को यह जानकारी दी।
लोक गायक फवाद अंद्राबी को शुक्रवार को अंदाराबी घाटी में गोली मारी गई। तालिबान के कब्जे के बाद से घाटी में उथल-पुथल देखी गई थी, क्षेत्र के कुछ जिले तालिबान शासन का विरोध जताने वाले मिलिशिया लड़ाकों के नियंत्रण में आ गए थे। तालिबान का कहना है कि उन्होंने उन क्षेत्रों को वापस ले लिया है, हालांकि हिंदू कुश पहाड़ों में स्थित पंजशीर अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से केवल एक ऐसा प्रांत है जो उसके नियंत्रण में नहीं है।
लोक गायक के बेटे जवाद अंद्राबी ने द एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि तालिबान पहले उनके घर आये और उनकी तलाशी ली। उनके बेटे ने कहा, वह निर्दाेष थे, वह एक गायक थे जो केवल लोगों का मनोरंजन कर रहे थे। उन्होंने उन्हें सिर में गोली मार दी। उनके बेटे ने कहा कि वह न्याय चाहते हैं और एक स्थानीय तालिबान परिषद ने उनके पिता के हत्यारे को दंडित करने का वादा किया है।
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तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने एपी को बताया कि घटना की जांच की जायेगी, लेकिन हत्या के बारे में कोई अन्य जानकारी नहीं है। इस बीच सांस्कृतिक अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत करीमा बेन्नौने ने ट्विटर पर लिखा कि उन्हें अंद्राबी की हत्या पर गंभीर चिंता है। उन्होंने लिखा, हम सरकारों से आह्वान करते हैं कि तालिबान कलाकारों के मानवाधिकारों का सम्मान करें।
एमनेस्टी इंटरनेशनल की महासचिव एग्नेस कैलामार्ड ने भी इसी तरह हत्या की निंदा की। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, इस बात के सबूत हैं कि 2021 का तालिबान 2001 के असहिष्णु, हिंसक, दमनकारी तालिबान जैसा ही है। उन्होंने कहा, 20 साल बाद। उस मोर्चे पर कुछ भी नहीं बदला है। अंद्राबी की हत्या किये जाने का मामला तब सामने आया है जब लगभग दो सप्ताह पहले तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा जमाने के बाद अमेरिका काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से अपने