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तमिलनाडु : चेन्नई के अस्पताल में शुरू हुआ कोविड-19 वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल

ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल

ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल

चेन्नई। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के एसआरएम मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में कोरोना वैक्सीन Covaxin के ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल का पहला चरण आज शुरू हो गया है।

क्लिनिकल ट्रायल के प्रमुख जांचकर्ता डॉक्टर सत्यजीत मोहपात्रा ने ट्रायल शुरू होने की पुष्टि की। बता दें कि एसआरएम उन 12 रिसर्च संस्थानों में से एक है, जहां कोवैक्सीन की टेस्टिंग होनी है। इस वैक्सीन को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) व नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे ने मिलकर वैक्सीन COVAXIN बनाया है। इसके प्री-क्लीनिकल ट्रायल कामयाब रहे हैं।

बता दें, एसआरएम मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर तमिलनाडु का एक मात्र अस्पताल है जिसे स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन उम्मीदवार ह्यूमन ट्रायल के लिए चयनित किया गया है। ट्रायल में शामिल कुछ लोगों को वैक्सीन दी जाएगी और कुछ लोगों को सामान्य इलाज दिया जाएगा, इसकी तुलना से पता चलेगा वैक्सीन कितनी असरदार है।गौरतलब है कि बायोटेक कंपनी भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन का मानव परीक्षण 15 जुलाई को शुरू कर दिया था।

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हरियाणा में रोहतक पीजीआई और एम्स पटना में मानव परीक्षण की शुरुआत हो चुकी है। एम्स नई दिल्ली में पहले चरण के दौरान 100 लोगों पर परीक्षण होना है जब कोवैक्सीन पहले चरण में सुरक्षित साबित हो जाएगी तो दूसरे चरण की शुरुआत होगी। पहले चरण का उद्देश्य यह देखना है कि यह वैक्सीन सुरक्षित है या नहीं, वैक्सीन देने पर व्यक्ति में एंडीबॉडी कितनी बन रही है और जितनी एंटीबॉडी बन रही है , क्या वह पर्याप्त है।

पहले चरण में 18 से 55 साल की उम्र के उम्मीदवारों पर परीक्षण होना है। दूसरे चरण में कोवैक्सीन के तीन फॉर्मूलेशन का परीक्षण होगा। दूसरे चरण में बड़े स्तर पर परीक्षण होना है, जिसमें 750 उम्मीदवारों को शामिल किया जाएगा। इसमें 12 से 65 साल की उम्र के उम्मीदवार होंगे। कोवैक्सीन को भारत बायोटेक, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईसीएमआर) और पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान के साथ मिलकर तैयार कर रही है।

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देश में शुरू हुए वैक्सीन के पहले ह्यूमन ट्रायल में करीब एक महीना लगेगा। ट्रायल के बाद सामने आए आंकड़ों को ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया के पास भेजा जाएगा। इसके बाद अगले चरण के ट्रायल की मंजूरी मिलेगी। सीधे तौर पर समझें तो वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के ट्रायल में करीब 90 दिन लगेंगे।

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