लाइफस्टाइल डेस्क। खान-पान को लेकर बच्चों के पास अपनी एक सूची होती है जिसमें उनकी पसंद-नापसंद का ब्योरा होता है। बचपन की ये जिद बाद में उनकी आदत में शुमार हो जाती है और फिर वे हमेशा ही नापसंद चीज़ों से दूर रहते हैं। वे कुछ भी खाने में दस नखरे दिखाते हैं। साथ ही खाना झूठा भी छोड़ने लगते हैं। इसके लिए कुछ तरीक़े अपनाकर और छोटी-छोटी बातों का ध्यान रख आप उनकी इन आदतों में तब्दीली ला सकते हैं। अगली स्लाइड्स के माध्यम से जानिए वो टिप्स जिनको अपनाने से बच्चे समझने लगेंगे अन्न का महत्व।
बच्चे यदि भोजन के मामले में बेहद नखरे करते हैं और गिनी-चुनी चीज़ें ही खाते हैं तो उनके लिए कुछ अलग न बनाएं। कुछ अलग बनाकर हर बार परोसते रहेंगे तो उन्हें इसकी आदत हो जाएगी। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी उन्हें पौष्टिक आहार खिलाना ही जरूरी है नहीं तो आगे चलकर वे सादा खाना खाने में बहुत नाटक करेंगे।
यदि बच्चे किसी व्यंजन को लेकर नखरे करते हैं तो नकारात्मक प्रतिक्रिया न दें। डांटना और जबरदस्ती खिलाना हल नहीं। व्यंजन को लेकर नया एक्सपेरिमेंट कर सकते हैं। संभव है कि बच्चे को आप जो खाना बना रहे हैं उससे समस्या न होकर उसके बनाने के तरीके से हो। कई बच्चे जो सब्जी घर पर खाना पसंद नहीं करते वे दूसरों के घर खा लेते हैं।
लड़का हो या लड़की, दोनों को खाना पकाने की प्रक्रिया मेंं शामिल करें। इससे उन्हें इस बात का भान रहेगा कि जिसे वे पलभर में नकार देते हैं, उस खाने को बनाना कितनी मेहनत का कार्य है। मम्मी दिनभर प्रयत्न करके अच्छा खाना बनाती हैं, जिसे नजरअंदाज करना ठीक नहीं इसलिए साथ में मम्मी की मदद करें।
एक पसंद और नापसंद व्यंजन का तालमेल बनाएं। बच्चों के पसंदीदा व्यंजन के साथ उन्हें वह परोसें जो उन्हें कम पसंद है। उदाहरण के लिए यदि आपके बच्चे को दाल-चावल खाना पसंद है तो आप हरी सब्जियों के साथ उसे दाल चावल परोसें। ऐसा करने पर वो बिना नाटक के पौष्टिक आहार आराम से खा लेगा।