उत्तर प्रदेश के लखनऊ के मोहनलालगंज में तैनात तहसीलदार को जाति सूचक टिप्पणी करने पर निलंबित कर दिया गया है। तहसीलदार द्वारा शीर्ष अधिकारियों पर जाति के नाम पर पोस्टिंग पाने का आरोप लगाया गया था। इसका एक वीडियो वायरल हो गया, जिसके बाद बाद राजस्व परिषद ने उन्हें निलंबित कर दिया और आगे की जांच आयुक्त प्रशासन लखनऊ मंडल को सौंपी गई है।
वायरल वीडियो में तहसीलदार निखिल शुक्ला ने शासन के कुछ आला अधिकारियों पर जातीय आधार पर पोस्टिंग पाने का आरोप लगाया, साथ ही उन पर अमर्यादित टिप्पणी भी की। इतना ही नहीं वायरल वीडियो में तहसीलदार ने एक जाति पर टिप्पणी करते हुए उसे जन्मजात अपराधी बताया। कई बाहुबलियों और माफियाओं के नाम भी लिए और उनको बड़ा अपराधी बताया।
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वायरल वीडियो में तहसीलदार ने सरकार को एक जाति का विरोधी बताया। इतना ही नहीं इस वीडियो में तहसीलदार ने 75 जिलों में से 45 जिलों में जिलाधिकारियों के पद पर जाति विशेष के अधिकारियों के होने की बात कही। तहसीलदार का ये वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों में अफरा-तफरी मच गई।
ये वीडियो लखनऊ के राजस्व विभाग के अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुपों तथा सोशल मीडिया के कई प्लेटफार्म पर भी वायरल हुआ, जिसके बाद शासन ने तत्काल इस मामले में संज्ञान लिया। राजस्व विभाग के आदेश पर तहसीलदार निखिल शुक्ला को निलंबित कर दिया गया।
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तहसीलदार को लखनऊ मंडल आयुक्त कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। साथ ही इस मामले की जांच आयुक्त प्रशासन लखनऊ मंडल को सौंपी गई है।