अयोध्या के एक मंदिर के पूर्व पुजारी के खिलाफ मंदिर की जमीन (Temple Land) को अवैध रूप से राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को बेचने के आरोप में शुक्रवार को मामला दर्ज किया गया है। इसके बाद पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट राम मंदिर का प्रबंधन करता है। आरोप है कि मंदिर के पूर्व पुजारी रामाकांत पाठक ने 21,198.8 वर्ग फुट भूमि, जो आनंद भवन मंदिर की संपत्ति थी, उसे 21 सितंबर 2024 को 6 करोड़ रुपये में ट्रस्ट को बेच दिया। यह जमीन राम जन्मभूमि मंदिर परिसर के समीप स्थित है।
फर्जी जानकारी देकर बेच दी जमीन (Temple Land)
पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार, इस भूमि की बिक्री अवैध रूप से की गई थी और बिक्री दस्तावेजों में गलत जानकारी दी गई थी। आनंद भवन मंदिर समिति ने आरोप लगाया है कि मंदिर की जमीन को बेचने का अधिकार किसी व्यक्ति को नहीं है। यह समिति उप-निबंधक कार्यालय में पंजीकृत संस्था है, और इसके नियमों के अनुसार, मंदिर की संपत्ति को बेचना या किसी अन्य के नाम स्थानांतरित करना गैरकानूनी है।
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शिकायत में आगे बताया गया कि रामाकांत पाठक को पहले भी मंदिर से संबंधित संदिग्ध गतिविधियों के चलते 2016 में पुजारी पद से हटा दिया गया था। इसके बावजूद उन्होंने मंदिर की संपत्ति को अपने अधिकार में दिखाकर अवैध रूप से बेच दिया।
मंदिर समिति को जब इस अवैध सौदे की जानकारी मिली तो उन्होंने स्थानीय पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन उस समय कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद, समिति के सदस्य आनंद प्रकाश पाठक ने कोर्ट का रुख किया, जहां से पुलिस को मामला दर्ज करने का आदेश मिला।