चेतेश्वर पुजारा का मानना है कि अगर भारत विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के पहले खिताब को जीत जाता है, तो यह सबसे लंबे फॉर्मेट की लोकप्रियता के लिए उसी तरह का काम करेगा, जैसा कि 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप में जीत ने सबसे छोटे फॉर्मेट की लोकप्रियता को बढ़ाया था। पारंपरिक फॉर्मेट के शानदार खिलाड़ियों में से एक माने जाने वाले पुजारा को यह स्वीकार करने में कोई संकोच नहीं है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ डब्ल्यूटीसी फाइनल खेलना उनके लिए एक बड़ी बात है। वह हालांकि इस टेस्ट को भी किसी अन्य मैच की तरह लेने की कोशिश करेंगे। पुजारा से जब ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में मंगलवार को महेन्द्र सिंह धोनी की अगुवाई में 2007 में दक्षिण अफ्रीका में टी-20 विश्व कप के पहले विजेता बनने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘हां, निश्चित रूप से, मुझे लगता है कि टेस्ट क्रिकेट को जीवित रहने की जरूरत है और यह डब्ल्यूटीसी फाइनल निश्चित रूप से इसमें मदद करेगा।’
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इस खिलाड़ी ने कहा, ‘अगर हम जीत जाते हैं तो भारत में और युवा खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहेंगे। भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में भी, टेस्ट क्रिकेट को जीवित रहने की जरूरत है और ऐसा करने के लिए डब्ल्यूटीसी एक बहुत अच्छा तरीका है।’ पुजारा ने कहा कि व्यक्तिगत रूप से यह दो साल की कड़ी मेहनत का नतीजा है और टीम अंतिम जीत के बेहत ही करीब है। उन्होंने कहा, ‘व्यक्तिगत रूप से, यह बहुत मायने रखता है क्योंकि मैं सिर्फ एक फॉर्मेट (टेस्ट) खेलता हूं। यह पहली बार है जब हम यह डब्ल्यूटीसी फाइनल खेल रहे हैं। एक टीम के रूप में, हमने इस अवधि में कड़ी मेहनत की है। आपको घरेलू सीरीज या विदेशी सरजमीं पर कई सीरीज जीतनी होती है। खेल में टॉप पर रहने के लिए, इसके लिए बहुत मेहनत की आवश्यकता होती है। यह किसी अन्य फॉर्मेट में वर्ल्ड कप फाइनल की तरह है।’