वर्षा ऋतु के साथ ही सावन का महिना शुरू हो जाता है। सावन के साथ ही पर्व और उत्सवों की शुरुआत हो जाती है। इस ऋतु में हर तरफ हरियाली हो जाती है। गांवों में पेड़ों पर झूले पड़ जाते हैं और छोटी-छोटी लड़कियां और युवतियां लोक संगीत के बीच झूला झूलती हैं।
हरियाली के इस महीने में हरे रंग का बड़ा महत्व होता है। वैसे तो सभी रंगों का अपना महत्व होता है, लेकिन सावन में हरे रंग का ज्यादा ही महत्व होता है। यह रंग उत्साह को बढ़ाने वाला, कर्मठता का भाव जगाने वाला, प्रकृति से प्रेम और यौवन की प्रेरणा देने वाला और सौभाग्य का प्रतीक होता है।
ग्रहों में यह बुध का रंग है। जिन लोगों की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर हो, उन्हें हरे रंग के कपड़े पहनने चाहिए। हरा रंग कैरियर और व्यापार से भी जुड़ा होता है। इसको धारण करने से कैरियर और व्यापार में उन्नति होती है। दाम्पत्य जीवन में खुशियाली आती है।
कुछ ज्योतिषियों का मानना है कि हरे रंग के प्रकृति से जुड़े होने से इसका सीधा असर भाग्य पर पड़ता है। यह सोए हुए भाग्य को जगाता है। सावन के महीने में महिलाओं के हरा रंग धारण करने से उनके सुहाग की सलामती का आशीर्वाद मिलता है।
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ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक हरे रंग से वातावरण में शांति का भाव पैदा होता है। इससे सुख, उत्साह और आशा का आभास होता है। माना जाता है कि हरे रंग के कपड़े और चूड़ियां पहनकर पूजा करने से भगवान विष्णु और भगवान महादेव शिव प्रसन्न होते हैं। मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
हरा रंग यौवन और उमंग वाला माहौल पैदा करता है। इसीलिए महिलाएं सावन में हरे रंग की चूड़ियां, साड़ियां और कपड़े पहनना पसंद करती हैं। बारिश के बाद पेड़ों पर हरियाली और बढ़ जाती है। इससे प्रकृति का मनोरम दृश्य दिखता है। हरा रंग नेत्रों को बहुत आराम पहुंचाता है। यही वजह है कि सावन में हरे रंग की चूड़ियों, साड़ियां और अन्य चीजों की बड़ी मांग होती है।