राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह की अस्थियां वैदिक मंत्रोचार के बीच शुक्रवार को नरोरा गंगा में विसर्जित की गई। इस दौरान आर्य समाज के आचार्यों की टोली ने वैदिक मंत्रोच्चार किया। कल्याण सिंह के पुत्र एटा सांसद राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया, पौत्र राज्यमंत्री संदीप सिंह ने पूजा अर्चना कर अस्थियों को विसर्जन किया है। अस्थियों के विसर्जन के समय राजवीर सिंह भावुक हो गए।
5 कलशों में रखीं अस्थियां
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की अस्थियां 5 कलशों में रखी गई हैं। उनके पोते राज्यमंत्री संदीप सिंह ने बताया कि एक कलश नरौरा गंगा में विसर्जित किया गया। इसके अलावा अयोध्या, काशी और प्रयागराज में 1-1 कलश की अस्थियां विसर्जित की जाएंगी। एक अस्थि कलश कासगंज में रखा जाएगा। बाकी दो कलश की अस्थियों को परिवार के लोग अयोध्या और काशी में विसर्जन करने के लिए जाएंगे। वहीं पार्टी द्वारा भी पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जी की अस्थियों को पवित्र गंगा में प्रभावित किया जाएगा। साथ ही अटल बिहारी वाजपेई की तरह पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की अस्थियों की कलश यात्रा निकाले जाने पर संदीप सिंह ने कहा कि इस विषय पर अभी में कुछ नहीं कह सकता, जो भी परिवार का निर्णय होगा उस पर ही कार्य किया जाएगा।
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उन्होंने कहा कि बाबूजी प्रदेश के लाखों लोगों के लिए श्रद्धा का विषय हैं। आज बुलंदशहर के नरौरा से एक कलश यात्रा गांव मंडोली बाग तक निकाली है। बाबूजी के चाहने वाले जो अंतिम यात्रा के दर्शन नहीं कर पाए थे, वह आज कलश यात्रा में बाबूजी के अस्थि का दर्शन कर सकेंगे। अस्थि विसर्जन के बाद राजवीर सिंह ने कहा कि परिजन अस्थियों के अन्य कलश को लेकर काशी और अयोध्या समेत हरिद्वार जाएंगे। इसके अलावा पार्टी निश्चित करेगी कि कहां-कहां पर अस्थि विसर्जन करना है। परिजन आपस में बैठकर तय करेंगे आगे की योजना क्या है?
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का निधन लखनऊ में 21 अगस्त को हो गया था। 23 अगस्त को बुलंदशहर के नरोरा में बसी घाट पर गंगा किनारे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया था।