लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दलबदलुओं (defectors) को अपनी पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी में शामिल होना जनता को रास नहीं आया। ऐसे कई प्रत्याशियों को जनता ने बाहर का रस्ता दिखाया है।
यूपी के सहारनपुर जिले की नकुड़ विधानसभा सीट पर, कांटे की टक्कर में बीजेपी के मुकेश चौधरी ने धर्म सिंह सैनी को हरा दिया। नकुड़ सीट पर बीजेपी को 1,03,771 वोट मिले, जबकि सपा को 103616 वोट मिले हैं। इस तरह से बहुत मामूली वोटों से धर्म सिंह सैनी को हार का मुंह देखना पड़ा है। हालांकि, सैनी कई चरणों की मतगणना तक लगातर बढ़त बनाए हुए थे। लेकिन, आखिर में धर्म सिंह सैनी को नकुड़ सीट पर बाजी हारनी पड़ी।
ओबीसी समुदाय के कद्दावर नेता व सपा प्रत्याशी स्वामी प्रसाद मौर्य को कुशीनगर की फाजिलनगर सीट पर, बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्र कुशवाहा के हाथों करारी मात खानी पड़ी। स्वामी प्रसाद इस बार अपनी परंपरागत सीट पडरौना छोड़कर, फाजिलनगर सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे, लेकिन पार्टी और सीट बदलना काम नहीं आया। स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी अपनी हार स्वीकारते हुए कहा कि चुनाव हारे हैं हिम्मत नहीं। आजमगढ़ के मुबारकबाद सीट पर दो बार के विधायक रहे शाह आलम गुड्डू जमाली, चुनाव से ठीक पहले बसपा छोड़कर सपा में गए, लेकिन टिकट नहीं मिला तो ओवैसी का दामन थामकर चुनाव में कूद पड़े। इसके बाद भी वो चुनाव नहीं जीत सके। उन्हें सपा प्रत्याशी अखिलेश यादव के हाथों करारी मात खानी पड़ी है। श्रावस्ती विधानसभा सीट से विधायक मोहम्मद असलम राइनी, बसपा छोड़कर सपा का दामन थामकर चुनावी मैदान में उतरे थे, पर जीत नहीं सके। उन्हें बीजेपी प्रत्याशी राम फरेन के हाथों करारी मात खानी पड़ी है। पूर्वांचल के ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले हरीशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी बसपा छोड़कर सपा से चुनावी मैदान में उतरे थेए लेकिन उन्हें बीजेपी प्रत्याशी राजेश त्रिपाठी के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा।