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सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी, बोला- छात्र तय नहीं कर सकते कि उनका हित किसमें है?

सुप्रीम कोर्ट suprime court

सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्‍ली। उच्च शिक्षण संस्थानों में अंतिम वर्ष की परीक्षा टालने के मामले में सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को याचिका पर सुनवाई जारी है। जस्टिस अशोक भूषण की अध्‍यक्षता वाली पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या यूजीसी के निर्देश में सरकार कोई दखल दे सकती है? इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी टिप्‍पणी की है कि छात्र यह नहीं तय कर सकते हैं कि उनका हित किसमें हैं? छात्र ये तय करने में सक्षम नहीं है। इसके लिए देश में एक वैधानिक संस्‍था है।

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट सितंबर अंत तक अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित करने के यूजीसी के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले को पहले केस के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। सुनवाई से पहले याचिकाकर्ताओं ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक लिखित जवाब दिया है। इसमें कहा गया कि अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित करने का यूजीसी का फैसला यूजीसी अधिनियम और विनियमों के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन है।

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याचिकाकर्ताओं ने अपने लिखित सबमिशन के जरिए दावा किया कि लगाए गए दिशा-निर्देश 6 जुलाई, 2020 तक के हैं। जिसमें सभी विश्वविद्यालयों को 30 सितंबर तक फाइनल ईयर की परीक्षा देने का निर्देश दिया है, जो यूजीसी एक्ट की धारा 12 का उल्लंघन है।

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