सियाराम पांडे ‘शांत’
ऐसा लग रहा था कि कोरोना देश में दमतोड़ने लगा है लेकिन जिस तरह देश के कई राज्यों में कोरोना फिर से बढ़ने लगा है, उसने देशवासियों की परेशानियों पर बल ला दिया है। भारत में लगातार पांचवें दिन कोरोना वायरस के संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है और उपचारधीन मरीजों की संख्या डेढ़ लाख से अधिक हो गई है। पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 14,199 नए मरीजों की पुष्टि के बाद कुल मामले बढ़कर।,10,05,850 हो गए हैं।
वहीं 24 घंटे में 83 संक्रमितों के दम तोड़ने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 1 ,56,385 हो गई है। महाराष्ट्र, केरल, छत्तीसगढ़, पंजाब और मध्य प्रदेश में दैनिक मामलों में बढ़ोतरी के कारण संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में इजाफा न केवल चिंताजनक है बल्कि इससे एक बार फिर देशपरेशानी में पड़ सकताहै। लोगों कोनिरंतरइस बात के प्रति आगाह किया जा रहा है कि वे सामाजिक दूरी अपनाएं। मॉस्क लगाएं लेकिन इसके बाद भी कुछ लोग कोरोना की चुनौतियों को बेहद हल्के में ले रहे हैं। भारत में कोविड-19 के मामले सात अगस्त को 20 लाख के से ज्यादा हो गए थे, जबकि 23 अगस्त को 30 लाख, पांच सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख का आंकड़ा पार किया था। 28 सितंबर को यह 60 लाख के पार चला गया, जबकि 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख और 19 दिसंबर को एक करोड़ का आंकड़ा पार किया था।
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देश में अब तक1 ,06,99,410 मरीज संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और संक्रमण मुक्त होने की राष्ट्रीय दर 97.22 फीसदी है। वहीं, मृत्यु दर 1.42 फीसदी है। राष्ट्रीय स्तर पर नमूनों के संक्रमित आने की दर 5.20 फीसदी है। कर्नाटक सरकार ने कोरोना वायरस की वजह से अंतरराज्यीय यात्रा पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है लेकिन पड़ोसी केरल और महाराष्ट्र से आ रहे लोगों के लिए आरटी-पीसीआर पद्धति से की गई जांच में निगेटिव होने का प्रमाण पत्र जरूरी कर दिया गया है जो 72 घंटे से अधिक पुराना नहीं हो।
मुंबई में आठ फरवरी से उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 36.38 प्रतिशत वृद्धि देखी गई है। निकाय अधिकारियों ने कहा कि लोगों की लापरवाही, लोकल ट्रेनों में आम जनता को यात्रा करने की अनुमति देना और अन्य वाणिज्यिक गतिविधियों को खोलने से कोविड-19 के मामले बढ़े हैं। बहुत से लोग ऐसे बर्ताव कर रहे हैं जैसे कोविड-19 का खतरा नहीं है।
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वह सार्वजनिक स्थलों पर नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। थोड़ी सी लापरवाही विकराल रूप ले सकती है। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने क्लस्टर आधारित जीनोम सीक्वेंसिंग जांच करने का सोमवार को निर्देश दिए हैं जिससे कि कोरोना के बदलते स्वरूप का पता चल सके। कोशकीय और आणविक जीवविज्ञान केंद्र के एक अध्ययन के हवाले से दावा किया गया है कि देश में कोरोना वायरस के 7569 परिवर्तित प्रकार हैं।
हाल में पहचाने गए वायरस के भारतीय स्वरूप कथित रूप से बहुत संक्रामकै हैं और विशेषज्ञ इसे चिंता के मुख्य कारण के तौर पर देख रहे हैं। हालांकि अभी भी सभी फ्रंट लाइन कार्यकर्ताओं को कोरोनाटीके नहीं लग सके हैं। इस गति को तेज करने की जरूरत है। किसी भी स्तर पर कोरोना से निपटने में लापरवाही घातक है। इससे यथासंभव बचा जाना चाहिए। इसी में भलाई भी है।