हिंदू धर्म में सूर्य (Surya Grahan) और चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) को बेहद महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जाता है. इसी तरह खगोल विज्ञान में भी ग्रहण को बड़ी घटना के तौर पर देखा जाता है. इस साल अप्रैल के महीने में दुनिया में पहला सूर्यग्रहण लगने जा रहा है. 30 अप्रैल, शनिवार के दिन सूर्य ग्रहण रहेगा. बता दें कि साल में कई बार सूर्य और चंद्र ग्रहण की घटनाएं होती हैं. हालांकि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण को अशुभ माना जाता है. वहीं, खगोल शास्त्रियों के अनुसार जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता तो उस दौरान सूर्य की किरणें धरती तक नहीं पहुंच पाती हैं और तब सूर्य ग्रहण होता है.
ये होगा सूतक काल
इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल को लगने जा रहा है. हालांकि भारत में ये आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और इस ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 52 मिनट रहेगी. इसका समय रात 12.15 मिनट से लेकर सुबह 04.07 मिनट तक रहेगा. पहला सुर्य ग्रहण आंशिक होने की वजह से हमारे यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा. ऐसे में सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल के नियमों का पालन अनिवार्य नहीं रहेगा. बता दें कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूर्ण ग्रहण होने की स्थिति में सूतक प्रभावी माना जाता है.
इन देशों में दिखेगा ग्रहण
इस बार वृषभ राशि में लगने जा रहे सूर्य ग्रहण का प्रभाव हमारे यहां आंशिक रहेगा. हालांकि साउथ और वेस्ट साउथ अमेरिका, अंटार्कटिका, अटलांटिका और प्रशांत महासागर के क्षेत्रों में कई जगहों पर सूर्य ग्रहण दिखाई देगा.