नई दिल्ली। लोकसभा में पेश किए गए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक-2021 के प्रस्तावित संशोधनों का मंगलवार को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने विरोध किया है। कांग्रेस ने विधेयक को प्रतिगामी, लोकतंत्र विरोधी और दिल्ली के लोगों का अपमान करार दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि यह मांग दिल्लीवासियों की आकांक्षाओं एवं दिल्ली को व्यापक विधायी शक्ति प्रदान करने के लिए है।
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इसके विपरीत, यह प्रस्तावित संशोधन दिल्ली सरकार को एक नगरपालिका में तब्दील कर देगा और किसी भी प्रकार की प्रतिनिधि सरकार से जनता को वंचित कर देगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रस्तावित संशोधनों के तहत, केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त उप-राज्यपाल (एलजी) अपने मालिक की इच्छा के अनुसार सभी शक्तियों का प्रयोग करने वाला वायसराय बन जाएगा।
उन्होंने कहा कि लोगों को संशोधनों का विरोध करना चाहिए। विपक्ष को संशोधनों के खिलाफ मतदान करना चाहिए। इसके अलावा, एक ट्वीट में पार्टी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा, दिल्ली सरकार के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (संशोधन) विधेयक-2021 दिल्ली में लोकतंत्र को दफन कर देगा। अगर यह विधेयक पास हो जाता है तो निर्वाचित सरकार और विधानसभा एलजी के दरबार में हाजिरी लगाने वाले याचिकाकर्ता बनकर रह जाएंगे।
एलजी गृह मंत्री के वायसराय के रूप में अब दिल्ली पर अधिक आक्रामक रूप से शासन करेंगे। बहरहाल, आप सदस्यों ने आज संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने इस प्रस्तावित संशोधन के विरोध में धरना दिया। कल केंद्र सरकार ने लोकसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के अधिनियम-1991 में संशोधन संबंधी नया बिल पेश किया था। साथ ही इसने मंत्रिपरिषद और दिल्ली में उप-राज्यपाल की भूमिका को बेहतर ढंग से परिभाषित करने की भी कोशिश की। खबरों के मुताबिक, विधेयक में उप-राज्यपाल को अधिक अधिकार देने का प्रस्ताव है।