मुंबई। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार रात कहा कि प्याज की बढ़ती महंगाई से ग्राहकों को निजात दिलाने के लिए एक लाख टन का बफर स्टॉक जारी किए जाने समेत अलग-अलग कदम उठाए जा रहे हैं। तोमर ने इंदौर शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर धरमपुरी कस्बे में एक चुनावी सभा में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्याज के दाम बढ़ने का मामला सरकार के संज्ञान में है।
राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नाफेड) के पास मौजूद प्याज का एक लाख टन का बफर स्टॉक जारी किया जा रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने समय से पहले ही देश से प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है, जबकि इसके आयात के रास्ते खोल दिए गए हैं।’’
तोमर ने कहा कि कांग्रेस दोमुंही राजनीति करते हुए केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने वर्ष 2019 के पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान अपने घोषणापत्र में कहा था कि वह देश में व्यापार को बंधनों से मुक्त करेगी, अंतरराज्यीय कारोबार को बढ़ावा देगी, कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी) को समाप्त करेगी, संविदा खेती को प्रोत्साहित करेगी और आवश्यक वस्तु अधिनियम को खत्म करेगी।’’
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कृषि मंत्री ने कहा, ‘‘कांग्रेस ये काम नहीं कर सकी क्योंकि वह दलालों और बिचौलियों के दबाव में रहती है। लेकिन भाजपा नीत केंद्र सरकार ने कृषि सुधारों के लिए नये कानून बनाकर दिखा दिए। इसलिए अब कांग्रेस के पेट में दर्द हो रहा है।’’उन्होंने एक सवाल पर कहा, ‘‘जब पंजाब सरकार के नए कृषि कानून हमारे पास आएंगे, तो हम उनका बारीकी से अध्ययन कर किसानों के हित में जरूरी कदम उठाएंगे।’’
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने प्याज की बढ़ती कीमतों के लिए केंद्र की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि वह व्यापारियों पर लगाई गई प्याज की भंडारण सीमा पर केंद्र से बात करेंगे। सरकार के इस कदम के विरोध में नासिक की ज्यादातर कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) मंडियों में व्यापारी प्याज की नीलामी में लगातारे तीसरे दिन शामिल नहीं हुए। एशिया के सबसे बड़े प्याज बाजार लासलगांव एपीएमसी में भी यही स्थिति रही। महाराष्ट्र देश का प्रमुख प्याज उत्पादक राज्य है। नासिक को प्याज का केंद्र माना जाता है।
महाराष्ट्र के नासिक जिले में प्याज उत्पादकों और व्यापारियों से बातचीत करते हुए पवार ने बुधवार को कहा कि निर्यात प्रतिबंध और व्यापारियों के लिए भंडारण की सीमा को हटाने के लिए एक वृहद नीति की जरूरत है। इसमें सभी अंशधारकों के हितों का ध्यान रखा जाना चाहिए। पवार ने कहा, ”इस बारे में केंद्र के संबंधित अधिकारियों से जल्द बात की जाएगी। हालांकि, इस फैसले से किसानों और व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ी हैं, लेकिन नीलामी को रोकना इसका विकल्प नहीं है। ऐसे में एपीएमसी में प्याज की नीलामी जल्द शुरू की जानी चाहिए।