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हर-हर महादेव के जयकारे साथ शुरू हुई सैम मानिक शॉ क्रूज की यात्रा

Sam Manik Shaw Cruise

Sam Manik Shaw Cruise

सैम मानिक शॉ क्रूज की चुनार यात्रा शुरू हो गई है। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने हरी झंडी दिखाकर हर-हर महादेव की गूंज के साथ यह गंगा यात्रा प्रारंभ किया। बेला और गुलाब संग कई खुशबूदार फूलों से क्रूज की सजावट की गई। अलकनंदा क्रूज लाइन संचालक विकास मालवीय, कैप्टन प्रदीप अधिकारी और टेक्निकल हेड गोपल चंद्रा कायल के साथ कुल 15 स्टाफ की टीम है।

सबसे गौर करने वाली बात है कि यह यात्रा जितनी अधिक आध्यात्मिक है, उससे भी कहीं ज्यादा सुरक्षित। इस क्रूज पर एक लाइफ रेफ्ट बॉक्स है। इसे आपातकालीन स्थिति में नदी में छोड़ दिया जाता है तो वह एक बंद बोट की शक्ल में आ जाती है। इस बोट में 20 व्यक्ति आराम से रेस्क्यू किए जा सकते हैं।

लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मां गंगा की मौजों में सैम मनेक शा क्रूज ने रवानी भरी। दोपहर 12:15 बजे यह काशीवास‍ियों को समेटे चुनार क‍िले की ओर बढ़ चला। इससे पहले सुबह 9:30 बजे कम‍िश्‍नर दीपक अग्रवाल ने हर‍ी झंडी द‍िखाकर क्रूज को रवाना क‍िया था। रामनगर क‍िला, बंदरगाह सह‍ित गंगा क‍िनारे के अलौक‍िक और मनोहारी दृश्‍य पर्यटकों को द‍िखाते करीब दो घंटे के सफर के बाद यह शूलटंकेश्‍वर पहुंचा।

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पहले दिन के लिए करीब 100 सीटें आनलाइन की गई, जिसमें से 90 देखते ही देखते बुक हो गई। अलकनंदा क्रूज प्राइवेट ल‍िमि‍टेड के न‍िदेशक व‍िकास मालवीय के मुताब‍िक क्रूज की क्षमता तो 250 है, लेक‍िन आठ से नौ घंटे की जर्नी के ल‍िए लोगों की सुव‍िधा का हर संभव ख्‍याल रखा गया है। इसल‍िए शुरु में 100 सीटों पर ही बुक‍िंग खोली गई थी। कैप्टन प्रदीप अधिकारी और टेक्निकल हेड गोपल चंद्रा कायल के साथ कुल 15 स्टाफ की टीम क्रूज का संचालन कर रही है।

घाट से यात्रा शुरू होते ही क्रूज पर सवार लोगों को नाश्ता परोसा गया। दक्ष‍ि‍ण भारतीय व्‍यंजन इडली सांभर, बड़ा सह‍ित मूंग का हलवा और बनारसी गोल कचौड़ी की लज्‍जत ने न केवल जुबान को राहत दी, बल्‍क‍ि अपनेपन का एहसास भी कराया।

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रव‍िदास घाट से चुनार क‍िले की दूरी करीब 35 क‍िलोमीटर है, ज‍िसे क्रूज चार घंटे में पूरा करेगा। बीच में शूलटंकेश्‍वर घाट पर आधे घंटे का छोटा हाल्‍ट भी रखा गया। यहां लोगों को बाबा भोलेनाथ के दर्शन-पूजन का मौका म‍िला। इसके कुछ ही देर बाद करीब 12:15 बजे क्रूज चुनार क‍िले के ल‍िए रवाना हुआ। यह दोपहर 2:30 बजे तक क‍िला पहुंचा, जहां एक घंटे का व‍िश्राम भी दिया गया। इस दौरान लोगों को न केवल चुनार क‍िला घूमने का मौका म‍िला, बल्‍क‍ि जायकेदार लंच भी म‍िला। शाम करीब 5:30 बजे यह वापस रव‍िदास घाट पहुंचेगा। यानी करीब नौ घंटे की यात्रा का अध‍िकांश समय लोगों को गंगा के सान‍िध्‍य का सौभाग्‍य म‍िलेगा।

चुनार क‍िले में सोनवा मंडप, भर्तृहरि की समाधि, बाबर और औरंगजेब का हुक्मनामा, शेरशाह सूरी का शिलालेख, आलमगीरी मस्जिद, बावन खंभा और रहस्मयी बावड़ी, जहांगीरी कक्ष, रानीवास, मुगलकालीन बारादरी, तोपखाना व बंदी गृह, लाल दरवाजा, सोलर क्लॉक और वारेन हेस्टिंग्‍स के बंग्‍ले के बारे में जानने को म‍िलेगा। इसके बाद क्रूज दोपहर 3:30 बजे वापसी करेगा और शाम पांच बजे तक रविदास घाट पर इस ऐतिहासिक यात्रा का पहला पड़ाव मुकम्‍मल हो जाएगा।

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