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प्रशांत भूषण का वकालत करने का लाइसेंस हो सकता है रद्द!

Desk by Desk
05/09/2020
in Main Slider, ख़ास खबर, नई दिल्ली, राजनीति, राष्ट्रीय
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की अवमानना मामले में वकील प्रशांत भूषण पर एक रुपये का जुर्माना लगा कर केस से बरी कर दिया था। मान लिया गया था कि अब केस खत्म हो चुका है, लेकिन ऐसा नहीं है। इस केस के नतीजे अभी खत्म नहीं हुए हैं। अब प्रशांत भूषण पर नई गाज गिर सकती है।

बता दें कि अब प्रशांत भूषण का वकालत लाइसेंस रद्ध किया जा सकता है। प्रशांत भूषण के लिए सुनाये गए फैसले के पैराग्राफ 89 में ये कहा गया है कि एक आपराधिक मामले में दोषी माने जाने के बाद, अगर काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) अगर चाहे वह वकालत नामांकन को निलंबित कर सकती है।

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इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने दिल्ली बार काउंसिल से कहा है कि वे प्रशांत भूषण के ट्वीट्स की जांच करे और उसी के अनुसार क़ानूनी कार्रवाई करें।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली के बार काउंसिल ऑफ इंडिया, जहां प्रशांत भूषण का वकील के तौर पर नामांकन हैं, की तरफ से एक बयान में कहा गया है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया की मानता है कि प्रशांत भूषण की तरफ से किए गए ट्वीट्स और उनके दिए बयानों के विस्तृत अध्ययन और जांच की आवश्यकता है। इसके बाद ही कानून के अनुसार फैसला लिया जाएगा।

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बताते चलें कि अधिवक्ता अधिनियम की धारा 24ए के अनुसार उस व्यक्ति को संबंधित राज्य के बार काउंसिल के रोल पर एक वकील के तौर पर भर्ती नहीं किया जा सकता अगर वह नैतिक अपराध से जुड़ा दोषी है।

वहीं, धारा 35 कहती है कि अगर कोई वकील पेशेवर या किसी कदाचार में दोषी पाया जाता है तो उसका लाइसेंस सीमित अवधि के लिए निलंबित किया जा सकता है या पूरी तरह से रद्द किया जा सकता है। हालांकि इस बारे में अभी तक प्रशांत भूषण को कोई बयान नहीं आया है।

Tags: Bar Counsel of IndiaCriminal Contempt CaseDelhi Bar CouncilPrashant BhushanSupreme Courtआपराधिक अवमानना केसदिल्ली बार काउंसिलप्रशांत भूषणबार काउंसल ऑफ इंडियासुप्रीम कोर्ट
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