लखनऊ। आम बिजली उपभोक्ता की समस्या को लेकर उदासीन लेसा के अफसर रसूखदारों के आगे नतमस्तक हैं। बीकेटी के कठवारा स्थित मरीनो वाटर पार्क एंड रिजॉर्ट में बिजली चोरी (Electricity theft) के मामले में कुछ ऐसा ही सामने आया है। बिजली चोरी को लेकर 2.29 करोड़ रुपये का जुर्माना किया गया था, जिसे सुनवाई के दौरान अधिशासी अभियंता रंजीत चौधरी ने 60 लाख रुपये कर दिया। इसके बाद रिजॉर्ट मालिक मनोज कुमार सिंह ने जुर्माने की 50 फीसदी रकम जमा कर कनेक्शन चालू भी करा लिया है।
इलाके के इंजीनियरों ने 23 जून को रिजॉर्ट में बिजली चोरी (Electricity theft) पकड़ी थी। यहां अलग से केबल डालकर बिजली इस्तेमाल हो रही थी। अवैध कनेक्शन (Illegal Connection) का विद्युत लोड 76 किलोवॉट मिला। इस पर तत्कालीन एक्सईएन अमित राज चित्रांशी ने 2.29 करोड़ का जुर्माना ठोंककर नोटिस भेजा। हालांकि, जैसे ही मामला ठंडे बस्ते में गया, वर्तमान एक्सईएन रंजीत चौधरी ने जुर्माना कम करके 60 लाख कर दिया।
उनका कहना है कि पहले बिजली चोरी (Electricity theft) के जुर्माना की गणना सही तरीके से नहीं की गई थी। हालांकि, यह तो पड़ताल का विषय है कि पहले जुर्माना गलत लगाया गया या बाद में। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जुर्माने की रकम में इतना भारी अंतर आया कैसे? प्रकरण कमिश्नर डॉ. रोशन जैकब के यहां अपील में है। 76 किलोवॉट की बिजली चोरी के शमन शुल्क को लेकर विवाद है, जो लगभग छह लाख रुपये बनता है। उधर, रिजॉर्ट मालिक पांच किलोवॉट का शमन शुल्क देने पर अड़ा है, जो 50 हजार रुपये ही बनता है।
मुख्य अभियंता अनिल कुमार तिवारी के नेतृत्व में 23 जून को रिजॉर्ट पर बिजली चोरी के खिलाफ कार्रवाई हुई थी। इलाके में तैनात एक्सईएन अमित राज चित्रांशी एवं एसडीओ आशुतोष गुप्ता को चोरी का पता ही नहीं चला। लिहाजा दोनों को हटाकर मध्यांचल विद्युत वितरण निगम मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया। तब सवाल भी उठा था कि जब यहां बिजली मीटर की रीडिंग ली जाती थी तो इन इंजीनियरों को इसका पता कैसे नहीं चला?
रिश्वत में निलंबित हो चुका था जेई
इस बिजली चोरी के खुलासे से लगभग 20 दिन पहले जेई ओम प्रकाश का घूसखोरी का वीडियो वायरल होने के बाद प्रबंधन ने उसे निलंबित कर दिया था। बीकेटी डिवीजन में लंबे समय तक तैनात ओम प्रकाश ने खूब मनमानी की। सूत्र बताते है कि पावर कॉर्पोरेशन उसे बर्खास्त करने की प्रक्रिया पूरी कर रहा है।
सही नहीं थी पहले की जुर्माना गणना
विद्युत वितरण खंड बीकेटी, लेसा, ट्रांस गोमती जोन अधिशासी अभियंता रंजीत चौधरी का कहना है कि बिजली चोरी के जुर्माने की गणना पूर्व के एक्सईएन अमित राज चित्रांशी की ओर से सही तरीके से नहीं की गई थी। मैंने सुनवाई के दौरान अंतिम रूप से राजस्व का निर्धारण कर लगभग 60 लाख रुपये किया।