खरमास (Kharmas) 15 दिसंबर से लग रहा है। इसके साथ ही एक माह तक शुभ कार्य नहीं होंगे। इस दिन सूर्य रात 10:19 बजे धनु राशि में प्रवेश करेंगे और 30 दिनों तक इसी राशि में रहेंगे। जगन्नाथ मंदिर के पंडित समीर कुमार मिश्रा ने बताया कि खरमास की अवधि 15 दिसंबर 2024 से 14 जनवरी 2025 खरमास में विवाह, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ-मांगलिक कार्य नहीं होंगे। उन्होंने बताया कि हिंदू धर्म में खरमास लगने के साथ ही विवाह, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ और मांगलिक कार्य बंद कर दिए जाते हैं। खरमास (Kharmas) तब लगता है जब भगवान सूर्य का धनु या मीन राशि में प्रवेश होता है। इस तरह से खरमास साल भर में दो बार लगता है, जिसका समय एक महीने तक होता है।
खरमास (Kharmas) में इसलिए नहीं होते मांगलिक कार्य
उन्होंने बताया कि भगवान सूर्य जब देवगुरु बृहस्पति के घर में आते हैं तो वो अपना तेज कम कर देते हैं। साथ ही इस दौरान बृहस्पति ग्रह की शुभता कम हो जाती है।
भगवान सूर्य के तेज कम होने और देवगुरु बृहस्पति की शुभता का प्रभाव कम होने के वजह से ही खरमास में विवाह, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ-मांगलिक कार्य नहीं कराए जाते हैं।
दान-पुण्य के लिए खरमास (Kharmas) का महीना होता है शुभ
एक ओर खरमास (Kharmas) मांगलिक कार्यों के लिए शुभ नहीं होता तो वहीं दूसरी ओर खरमास में भगवान सूर्य और विष्णु की पूजा करना बहुत शुभ और फल देने वाला होता है। साथ ही अगर दान-पुण्य भी करना है तो उसके लिए भी खरमास का समय शुभ माना जाता है। सनातन धर्म में खरमास का महीना बहुत ही अहम माना गया है।
इस महीने में भले ही मांगलिक कार्य न किए जाते हों, लेकिन धार्मिक कार्य किए जाते हैं। धार्मिक कार्यों को करने के लिए ये महीना बहुत ही शुभ है। पूजा-पाठ करने के साथ-साथ ही इस महीने में धार्मिक ग्रंथों का पाठ और पवित्र नदी में स्नान भी किया जा सकता है।