महाराष्ट्र के हिंगोली के एक सरकारी अस्पताल में कार्यरत नर्स की बच्चे को जन्म देते समय मौत हो गई। हैरानी की बात यह है कि जिस नर्स की मौत हुई उन्होंने अपनी नौकरी के दौरान करीब 5000 महिलाओं की डिलीवरी कराई है।
वह अस्पताल में पिछले पांच सालों से काम कर रही थीं। हालांकि जिस बच्चे को उन्होंने जन्म दिया वह पूरी तरह से स्वस्थ्य है। नर्स की मौत की खबर फैलते ही अस्पताल में हड़कंप मच गया। मृतका की पहचान 38 वर्षीय ज्योति गवली के रूप में हुई है।
अस्पताल के लोगों का कहना है कि ज्योति एक होनहार और नेकदिल नर्स थीं वह अपने काम से यहां आने वाली महिलाओं का दिल जीत लेती थीं। हर एक महिला जो डिलीवरी के लिए यहां आती है वह ज्योति नर्स के काम की जमकर प्रशंसा करती है। इसी सरकारी अस्पताल में ज्योति को अपने बच्चे के जन्म के लिए 2 नवंबर को भर्ती कराया गया था।
ज्योति ने ऑपरेशन से एक बच्चे को जन्म दिया। बच्चा तो स्वस्थ्य है, लेकिन ऑपरेशन के बाद ज्योति की तबीयत अचानक बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि प्रसव के बाद ज्योति का खून बहना बंद नहीं हुआ जिसके बाद उन्हें नांदेड़ अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
जानकारी के अनुसार नांदेड़ अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ और कुछ देर बाद ज्योति को सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी। इसके बाद डॉक्टर्स ने उन्हें औरंगाबाद अस्पताल में शिफ्ट करने का प्लान बनाया। डॉक्टर्स जब तक उन्हें शिफ्ट करते तब तक ज्योति इस दुनिया को छोड़ चुकी थीं। डॉक्टर्स का कहना है कि एक समय ऐसा लगा था कि ज्योति ठीक हो जाएगी, लेकिन रविवार को अचानक उनकी हालत बिगड़ गई और मौत हो गई। बच्चा ज्योति के परिवार वालों को सौंप दिया गया है।
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जानकारी के अनुसार ज्योति हिंगोली के सरकारी अस्पताल में नवजात विभाग में कार्यरत थीं। इससे पहले वह गोरेगांव में तैनात थीं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अकेले हिंगोली में पांच साल के दौरान उन्होंने लगभग 5000 महिलाओं को उनके बच्चे की डिलीवरी करने में मदद की थी। ज्योति उन नर्सों में थीं जो नॉर्मल प्रसव के साथ साथ ऑपरेशन थिएटर में सिजेरियन डिलीवरी में भी महिलाओं की मदद करती थीं।