लोक जनशक्ति पार्टी के दो गुटों में बंटने के बाद से चिराग पासवान और चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच लगातार तनातनी जारी है। दोनों नेता एक दूसरे पर विश्वासघात का आरोप लगा रहे हैं। वहीं इस बीच अब चिराग पासवान मीडिया के सामने खुलकर बयान दे रहे हैं। समाचार एजेंसी एएनआई को दिए साक्षात्कार के दौरान चिराग ने एक बार फिर अपना दर्द साझा किया।
चिराग ने इस दौरान कहा कि मेरे परिवार के लोगों ने ही मेरी पार्टी को तोड़ने का काम किया है, फिलहाल मुझे अपनी पार्टी को शून्य से उस मुकाम पर लेकर जाना है जहां पापा पार्टी को हमेशा लेकर जाना चाहते थे। मैंने शुरू से स्पष्ट किया कि मेरा गठबंधन भारतीय जनता पार्टी के साथ हुआ और मैं आज तक भाजपा के साथ खड़ा हूं।
उन्होंने कहा कि भाजपा के हर नीतिगत फैसले का मैंने समर्थन किया जबकि नीतीश जी ने इनके हर फैसले का विरोध किया। अब ये फैसला भाजपा को लेना है कि वो आने वाले समय में मेरा साथ देते हैं या नीतीश जी का।
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मैंने हनुमान की तरह प्रधानमंत्री जी का हर मुश्किल दौर में साथ दिया, आज जब हनुमान का राजनीतिक वध करने का प्रयास किया जा रहा है, मैं ये विश्वास करता हूं कि ऐसे में राम खामोशी से नहीं देखेंगे। उन्होंने कहा कि मेरी उम्मीद कायम है, आज नहीं तो कल प्रधानमंत्री जी का संरक्षण मुझे जरूर मिलेगा। हालांकि भाजपा के कई नेताओं की चुप्पी जरूर मुझे दुखी करती है।
मेरे पिता और लालू जी हमेशा करीबी दोस्त रहे हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव और मैं बचपन से एक-दूसरे को जानते हैं, हमारी गहरी दोस्ती है, वह मेरा छोटा भाई है। जब बिहार में चुनाव का समय आएगा तब पार्टी गठबंधन पर अंतिम फैसला लेगी।