Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

इस बुरी आदत की वजह से बढ़ रही भारतीय पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या

Andropause

Andropause

ज्यादातर लोगों को देर रात तक फोन या लैपटॉप पर कुछ ना कुछ देखने की आदत होती है, लेकिन ये आदत पुरुषों के लिए बुरी साबित हो सकती है. एक नई स्टडी के अनुसार, फोन से निकलने वाली ब्लू लाइट पुरुषों की स्पर्म क्वालिटी को खराब करती है.

ये स्टडी अमेरिका की वर्चुअल स्लीप पत्रिका में छपी है. स्टडी के लिए शोधकर्ताओं ने 21 से 59 साल की उम्र के बीच के 116 पुरुषों के स्पर्म के सैंपल लिए. ये सभी लोग फर्टिलिटी इवैल्युएशन से गुजर रहे थे. इन सभी लोगों से नींद से जुड़ी आदतों और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के उपयोग के बारे में कई सवाल पूछे गए थे.

स्टडी में शाम और देर रात के समय गैजेट्स से निकलने वाली लाइट और खराब स्पर्म क्वालिटी के बीच संबंध पाया गया है. इसमें स्वस्थ पुरुषों के स्पर्म और उनकी फर्टिलिटी पर फोन रेडिएशन के प्रभाव की स्टडी की गई.

स्टडी के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया उपकरणों के उपयोग का प्रजनन क्षमता पर गहरा प्रभाव पड़ता है. स्टडी के अनुसार स्मार्टफोन्स और टैबलेट्स से निकलने वाली लाइट्स स्पर्म की गतिशीलता और क्वालिटी पर असर डालती हैं.

स्टडी में पाया गया कि इन उपकरणों से निकलने वाली शॉर्ट-वेवलेंथ लाइट (SWL) का संपर्क में जितना अधिक होता है, इमोटाइल स्पर्म का प्रतिशत उतना ही ज्यादा होता है. स्टडी में ज्यादा देर तक सोने वाले पुरुषों के स्पर्म काउंट और अच्छी गतिशीलता के बीच भी संबंध पाया गया है.

इसका मतलब है कि जो पुरुष समय पर सोते हैं और अच्छी नींद लेते हैं, उनके स्पर्म की गतिशीलता अच्छी होती है वहीं देर रात तक फोन और टैबलेट्स का इस्तेमाल करने वाले पुरुषों के स्पर्म की गतिशीलता बाधित होती है. इसकी वजह से पुरुषों में इनफर्टिलिटी की दर बढ़ जाती है.

स्टडी के मुताबिक, स्मार्टफोन के रेडिएशन से डीएनए को भी नुकसान पहुंचता है, जिसकी वजह से कोशिकाएं अपने आप ठीक होने की क्षमता खोने लगती हैं. स्पर्म या एग सेल तक पहुंचने पर ये रेडिएशन गर्भपात का कारण भी बन सकते हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, सामान्य आबादी में पुरुषों की इनफर्टिलिटी दर 20 से 40 फीसदी तक है. भारत में 23 फीसदी पुरुष इनफर्टिलिटी से ग्रस्त हैं. स्टडी के डेटा के अनुसार, काफी हद तक इस पर रेडिएशन का भी प्रभाव है.

कैसे होगा बचाव- ऐसा नहीं है कि किसी को गैजेट्स का इस्तेमाल करना पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए, लेकिन सोने से पहले इनका इस्तेमाल कम से कम करें.

Exit mobile version