मेहनत और कमाई के बावजूद कई लोगों के घर में धन टिक नहीं पाता हैं। कितनी भी कमाई कर लें लेकिन हमेशा किसी ना किसी प्रकार की आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ जाता हैं। इसके पीछे का कारण बनती हैं आपकी रसोई (Kitchen) और उसमें मौजूद वास्तुदोष। जी हां, रसोई से जुड़े वास्तुदोष आपके जीवन को प्रभावित करते हैं और नकारात्मकता लाते हुए आपकी जेब पर असर डालते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको किचन से संबंधित कुछ छोटी-छोटी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपकी परेशानियों को कम करने का काम करेंगे। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
किचन (Kitchen) में इन्हें कभी न रहने दें खुला
बहुत से लोगों की आदत होती है कि आटा गूंथने के बाद उसे काफी समय तक खुला छोड़ देते हैं। जबकि आटा गूंथ लेने के बाद तुरंत रोटियां सेंक लेनी चाहिए। अगर रोटियां बाद में सेंकनी हो तो गूथे हुए आटे को ढककर रख दें। आटे को खुला बिल्कुल न रहने दें। रोटियों और पके हुए भोजन को भी कभी भी खुला नहीं रखना चाहिए। दरअसल भोजन को देवी अन्नपूर्णा का प्रसाद कहा जाता है और प्रसाद को ढ़ककर बांटने और परोसने से उसमें बरकत होती है। यही वजह है कि मंदिर और गुरुद्वारे में प्रसाद और लंगर को ढक कर रखा जाता है।
किचन (Kitchen) का भंडार कभी खाली न होने दें
किचन (Kitchen) में चावल, दाल, आटा यह माता अन्नपूर्णा का भंडार होता है। हमेशा यह कोशिश रखें कि जिन बर्तनों में अनाज रख रहे हों उन्हें कभी पूरी तरह से खाली न होने दें। जब इनमें कम से कम 2 से 3 दिनों अनाज बचा हो तभी इसे वापस भर देना चाहिए। इससे माता अन्नपूर्णा का भंडार सदैव भरा रहता है और आपके घर में बरकत भी बनी रहती है। बहुत से लोग राशन पूरी तरह से समाप्त हो जाने का इंतजार करते है फिर भंडार को भरते हैं, ऐसा करना अच्छा नहीं होता है।
बिना मतलब चूल्हे पर बर्तन न रखें
कई लोगों की आदत होती है कि किचन (Kitchen) में चूल्हे पर कुछ भले ही न पक रहा हो बंद चूल्हे पर भी बर्तन रखकर छोड़ देते हैं। इस तरह से आप भी व्यवहार करते हैं तो अपनी इस आदत को सुधारने का प्रयास करना चाहिए। माना जाता है कि यह एक गलत आदत है जो आपके गैर जरूरी और अचानक से होने वाले व्यय को बढ़ता है।
जितना खाएं उतना पकाएं
भोजन को उतनी ही मात्रा में पकाएं कि सभी लोगों को पूरा भोजन मिल जाए और अधिक मात्रा में भोजन बचे न। कई लोग जरूरत से अधिक मात्रा में भोजन पका लेते हैं और फिर या तो उसे फिर से गर्म करके प्रयोग में ले आते हैं या फिर बचे भोजन को डस्टबिन में डाल देते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि जिन घरों में अन्न की कद्र नहीं की जाती है उस घर में कभी बरकत नहीं होती है। जहां अन्न को आदर दिया जाता है वहां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
स्नान करके भोजन पकाएं
भोजन बनाना नियमित यज्ञ है। यज्ञ, हवन और पूजन कभी भी बिना स्नान किए नहीं करना चाहिए ऐसा धार्मिक पुस्तकों और शास्त्रों में बताया गया है। इसलिए हर दिन स्नान करने के बाद ही भोजन पकाने का काम शुरू करना चाहिए। अगर आपके घर में बड़े बुजुर्ग होंगे तो आप उनसे भी सुन सकते हैं कि उनके समय में बिना स्नान किए भोजन नहीं पकाया जाता है। ऐसे करने घर में बरकत और सुख शांति आती है।