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ब्रिटिश काल से चली आ रही रेलवे में खलासी प्रणाली होगी खत्म, अब बंगले पर नहीं मिलेंगे चपरासी

Desk by Desk
08/08/2020
in Main Slider, ख़ास खबर, नई दिल्ली, यात्रा, राष्ट्रीय
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नई दिल्ली। रेलवे अपने वरिष्ठ अधिकारियों के आवास पर काम करने वाले ‘बंगला पियुन’ या खलासियों की नियुक्ति की औपनिवेशिक काल की प्रणाली को समाप्त करने की तैयारी कर रहा है और इस पद पर अब कोई नई भर्ती नहीं की जाएगी। रेलवे बोर्ड ने इस संबंध में बृहस्पतिवार को आदेश जारी किया।

रेलवे बोर्ड ने आदेश में कहा है कि टेलीफोन अटेंडेंट सह डाक खलासी (टीएडीके) संबंधी मामले की समीक्षा की जा रही है। आदेश में कहा गया है, ‘‘टीएडीके की नियुक्ति संबंधी मामला रेलवे बोर्ड में समीक्षाधीन है, इसलिए यह फैसला किया गया है कि टीएडीके के स्थानापन्न के तौर पर नए लोगों की नियुक्ति की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जानी चाहिए और न ही तत्काल नियुक्ति की जानी चाहिए।’’

आदेश में कहा गया है, ‘‘इसके अलावा, एक जुलाई 2020 से इस प्रकार की नियुक्तियों को दी गई मंजूरी के मामलों की समीक्षा की जा सकती है और इसकी स्थिति बोर्ड को बताई जाएगी। इसका सभी रेल प्रतिष्ठानों में सख्ती से पालन किया जाए।’’ बोर्ड ने गुरुवार को सभी महाप्रबंधकों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

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दरअसल, रेलवे में बहुत सारे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को अफसर अपने बंगले पर रख लेते थे। नियमानुसार क्लास वन के रेल अधिकारियों को अपने बंगले पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रखने का अधिकार है। बंगले पर तीन साल तक कार्य करने के बाद तैनाती रेलवे कर्मचारी के रूप में हो जाती थी।

रेलकर्मी बनने के बाद अफसर फिर से नई तैनाती कर लेते थे। इससे रेलवे का कामकाज प्रभावित होता था लेकिन अब चतुर्थ श्रेणी की तैनाती बंगले पर नहीं हो पाएगी।

पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ (पीआरकेएस) ने रेलवे बोर्ड के इस निर्णय का स्वागत किया है। संघ के प्रवक्ता एके सिंह ने कहा है कि संघ लगातार इस व्यवस्था को समाप्त करने की मांग करता रहा है। यह व्यवस्था पारदर्शी नहीं रह गई थी। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा था। पूर्व में धनउगाही की भी शिकायतें आई थीं।

Tags: 24ghante online.comBritish eraIndian RailwaysRailway system endedRailwaysब्रिटिश कालभारतीय रेलरेलवे
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