उत्तरी सिक्किम में 15 हजार फीट ऊंची चोटी पर ड्यूटी करते हुए मेरठ के लाल कैप्टन श्रेयांश कश्यप शहीद हो गए। ड्यूटी के दौरान कैप्टन की ह्दय गति रुकने से मृत्यु हो गई। रविवार को मटौर गांव में ही गमगीन माहौल में शहीद को अंतिम विदाई दी गई। शहीद के अंतिम दर्शन करने के लिए लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा।
मटौर गांव में स्थित पावर ग्रिड काॅलोनी निवासी शिव गोविंद सिंह पावर ग्रिड में तैनात है। वह इस समय अरुणाचल प्रदेश में तैनात थे। उनका बेटा कैप्टन श्रेयांस कश्यप इस समय सेना की 27 माउंटेन डिवीजन के साथ उत्तरी सिक्किम के योंग्दी में तैनात था। वह 15 हजार फीट की ऊंचाई पर तैनात थे।
27 मई को ड्यूटी के दौरान कैप्टन श्रेयांश कश्यप के सीने में दर्द होने पर उन्हें छंगथांग स्थित 327 फील्ड अस्पताल में ले जाया गया। 28 मई की रात को कैप्टन श्रेयांश ने अंतिम सांस ली। शनिवार की देर रात स्वर्गीय कैप्टन श्रेयांश के पिता सिक्किम से उनका पार्थिव शरीर लेकर मेरठ आ गए।
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रविवार को मटौर गांव में पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। शव यात्रा में शामिल लोग भारत माता के जयकारे लगा रहे थे।
शहीद के परिवार में पिता शिव गोविंद सिंह, माता सीमा सिंह, बहन सृष्टि और भाई शिवांश हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कैप्टन श्रेयांश बहुत ही मिलनसार और अच्छे स्वभाव के थे।