लखनऊ। प्रदेश सरकार की नीति है कि युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराया जाए। सरकार द्वारा युवाओं को प्रदेश में स्थापित विभिन्न व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों से उनमें अभूतपूर्व गुणात्मक सुधार लाकर उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। सरकार द्वारा प्रदेश में स्थापित विभिन्न प्रकृति के उद्योगों, औद्योगिक इकाईयों तथा सेवा क्षेत्र से सम्बंधित प्रतिष्ठानों के संचालन हेतु कुशल कर्मकार तैयार करने और उन्हें व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रदान कराकर रोजगार व स्वरोजगार से जोड़कर उच्च गुणवत्ता के जीवनयापन को सुनिश्चित कराने का कार्य सफलता पूर्वक कराया जा रहा हैं।
प्रदेश सरकार द्वारा व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मिशन के अन्र्तगत प्रदेश में सेवा क्षेत्र में बढ़ते हुए दायरें को दृष्टिगत रखते हुए दीर्घकालीन एवं अल्पकालीन कौशल प्रशिक्षण प्रदान कराये जाते है। दीर्घकालीन प्रशिक्षण एक व दो वर्षीय अवधि के अभियान्त्रिकी तथा गैर-अभियान्त्रिकी विषयों पाठ्यक्रमों का औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण देते हुए रोजगार से लगाया जाता है। युवाओं व युवतियों को कौशल विकास मिशन के अन्र्तगत अल्पकालीन विभिन्न ट्रेड्स में निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता हैं।
मिशन द्वारा संचालित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों के अन्र्तगत 14 से 35 वर्ष आयु के युवाओं जिनमें महिलाएं, अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति व जनजाति, शारीरिक रूप अक्षम, गरीब और कम पढ़े लोगों को प्रशिक्षित कर सेवायोजित कराने के लिए विभिन्न योजनाओं को एकीकृत रूप से मानकीकृत व्यवस्था के अन्र्तगत कार्यक्रम संचालित किया गया हैं। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा सम्पूर्ण प्रदेश में आबद्ध किये गये प्रशिक्षण केन्द्रों के माध्यम से रोजगारपरक 32 सेक्टर्स के 709 पाठ्यक्रमों में अल्पकालीन कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों को संचालित किया जा रहा है। अल्पकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रमों की अवधि 3 दिवस से 6 माह तक व कतिपय कार्यक्रमों एक वर्ष तक का प्रशिक्षण दिया जाता है।
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प्रदेश में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में कुशल अनुदेशकों की कमी को पूर्ण करने के उद्देश्य से एनसीवीटी द्वारा शिल्पकार अनुदेशक प्रशिक्षण योजना प्रारम्भ किया गया है। जिसके अन्र्तगत एक वर्षीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। प्रदेश में कुल 305 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान है जिनमें 1,72,352 प्रशिक्षणार्थियों के लिए प्रशिक्षण की क्षमता हैं।
प्रदेश में 48 महिला राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान मुख्य संस्थान के भाग के रूप में संचालित है। प्रदेश में कुल 2931 निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान हैं। जिनमें 4,58,243 प्रशिक्षणार्थियों के प्रशिक्षण देने की क्षमता है। सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण करने के उपरान्त प्रशिक्षित युवाओं को भारत सरकार के स्तर से प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराया जाता हैं। प्रदेश के इन प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा प्रशिक्षित होने के बाद प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न उद्योगों व अधिष्ठानों में सेवायोजित कराने के लिए कार्यवाही की जाती हैं।
प्रदेश में उप्र कौशल विकास मिशन के अन्र्तगत विभिन्न ट्रेड्र्स में अबतक कुल 9 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है। 3 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार व सेवायोजित कराया गया हैं। मिशन द्वारा प्रदेश के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार दिलाने के लिए विशिष्ट प्लेसमेंट एजेेंसीज को भी अनुबंधित किया गया है।
युवाओं को उच्च गुणवत्तायुक्त प्रशिक्षण प्रदान करने तथा उन्हें बेहतर रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से देश के प्रमुख औद्योगिक प्रतिष्ठानों जैसे-रेमण्ड्स राजस्थान स्पिनिंग एवं वीविंग मिल्स, भीलवाड़ा (राजस्थान) यूपी होटल्स, लावा मोबाइल तथा विप्रो इत्यादि को फ्लैक्सी प्रशिक्षण प्रदाता के रूप में अनुबंधित किया गया है।
इसके अतिरिक्त इस वर्ष प्रदेश के 50,000 युवाओं का अमेरिका फर्म-कोर्सेरा आनलाईन लर्निंग प्लेटफार्म के माध्यम से अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप निःशुल्क प्रशिक्षण की सुविधा भी उपलब्ध करायी जा रही हैं, जोकि किसी भी प्रदेश द्वारा इस दिशा में किया गया प्रथम प्रयास है।