प्रदेश सरकार उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे शिक्षार्थियों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन विशेष सुविधाएं दे रही हैं। ऑनलाइन शिक्षा में कोविड-19 महामारी के पूर्व, उच्च शिक्षा विभाग में योगदान अत्यधिक कम था परन्तु कोविड-19 काल में लगभग 15 हजार शिक्षाविदों के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा का कार्य प्रारम्भ किया गया जिसके माध्यम से 9 लाख से अधिक, छात्रों ने इसका लाभ उठाया।
जिसके दृष्टिगत उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी की महत्ता के सम्बंध में छात्रों के हित में ई-कंटेन्ट को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों द्वारा अधिक से अधिक ई-कंटेन्ट उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से गुणवत्तायुक्त ऑनलाइन पाठ्य सामग्री उपलब्ध करायी गयी है। इस कार्य हेतु एन0आई0सी0 के सहयोग से तीन हफ्तों में पोर्टल का निर्माण किया गया तथा 05 सितम्बर, 2020 को उ0प्र0 उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी का लोकार्पण किया गया।
वर्तमान में ई-कंटेन्ट की गुणवत्ता की परख कर अल्प समय में उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा डिजिटल लाईब्रेरी पर कुल 75 हजार ई-कंटेन्ट अपलोड किया जा चुका है तथा इसे लगभग 5.50 लाख छात्र-छात्राओं द्वारा एक्सेस किया गया है।
उल्लेखनीय है कि नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इण्डिया (एनडीएलआई) ने उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी के साथ सहयोग करने के लिए रूचि दिखायी ताकि उनके उपयोगकर्ताओं को भी उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी पर उपलब्ध पठन-पाठन सामग्री का लाभ मिल सके, जिसके क्रम में उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी एवं नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इण्डिया (एनडीएलआई), आई0आई0टी0 खड़गपुर के मध्य पार्टनरशिप हेतु एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित किया गया है। कोरोना महामारी के दृष्टिगत एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में यह एम0ओ0यू0 उत्तर प्रदेश के छात्रों के साथ-साथ देश भर के छात्रों के लिए अत्यन्त लाभकारी है।
प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रदेश के महत्वाकांक्षी जनपदों में स्थित 18 राजकीय महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में छात्र-छात्राओं हेतु 160 प्री-लोडेड ई-टैबलेट्स उपलब्ध कराये जाने हेतु वित्तीय स्वीकृति अवमुक्त की। उसी तरह वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रदेश के दूरस्त अंचलों में स्थित 120 राजकीय महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में 1080 प्री-लोडेड ई-टैबलेट्स उपलब्ध कराने हेतु वित्तीय स्वीकृति अवमुक्त की गई है। प्री-लोडेड ई-टैबलेट्स में पाठ्यक्रम के अनुरूप सामग्री पहले से उपलब्ध रहेगी।
कोविड-19 महामारी के दौरान छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उच्च शिक्षण संस्थानों में ऑनलाइन पठन-पाठन का कार्य शुरू किया गया था। इस दौरान यह अनुभव किया गया कि ग्रामीण अंचल में निर्बाध इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इससे प्रदेश के ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को असुविधा का सामना न करना पड़े, इसी को ध्यान में रखते हुए इस डिजीटल डिवाइड गैप को कम करने के लिए एवं राज्य के तहसील व ब्लाक स्तर पर संचालित 120 राजकीय महाविद्यालयों के छात्रों को ध्यान में रखते हुए ई-लर्निंग पार्क, वाई-फाई, इण्टरनेट कनेक्शन एवं एक्सेस विकसित करने हेतु प्रति महाविद्यालय 05 कम्प्यूटर, 05 प्रिन्टर, 03 टेबल कुर्सी एवं वाई-फाई तथा इण्टरनेट के लिए धनराशि उपलब्ध करायी गई है।
महाविद्यालयों में ई-लर्निंग पार्क, वाई-फाई एवं इण्टरनेट एक्सेस की सुविधा प्रदान करके इन ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों को ऑनलाइन शिक्षण सामग्री ई-कन्टेन्ट, डिजिटल लाइब्रेरी का उपयोग, विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों, वेबिनार आदि अनेकों उपयोगी एवं आधुनिक सुविधायें प्रदान कर उनका बहुमुखी विकास किया जा रहा है। इस दिशा में ई-लर्निंग पार्क की सुविधा मील का पत्थर साबित होगी, इससे न केवल शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि इन दूरस्थ ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्र में विभिन्न सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार भी होगा जिससे जनजागरूकता के साथ-साथ इन सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में आसानी होगी एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन में आसानी होगी एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन को सुचारू रूप से सम्पन्न किया जा सकेगा।