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इस राज्य में भयानक तूफान ने मचाई तबाही, मकानों की उड़ी छत्ते, अंधेरों में डूबे गांव

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राजस्थान के सीमांत जैसलमेर जिले में रविवार देर रात भयानक तूफान आया जिससे कच्चे मकानों की छत्ते, टिन शेड एवं टेंट उड़ गए वहीं इससे किसानों की कटी फसल भी तबाह हो गई।

तूफान का मंजर इतना भयानक था कि इसकी गति से लोगों में भय व्याप्त हो गया और चारों तरफ रेत ही रेत नजर आने लगी। तूफान से कई कच्चे मकानों की छतें उड़ गई। बड़ी संख्या बिजली के पोल एवं पेड़ धराशायी हो गए। इससे दर्जनों गांवों की विद्युत आपूर्ति ठप हो गई हैं। इससे सम क्षेत्र के 40-50 रिसोर्ट्स के बड़ी संख्या में टैंट भी उड़ गए जिसके कारण वहां मौजूद सैलानियों में भय एवं दशहत का माहौल व्याप्त हो गया। उन्हें बड़ी मुश्किल से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया तथा कई को जैसलमेर लाया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार तूफान पाकिस्तान की तरफ से आया और तनोट एवं रामगढ़ होते हुए यह जैसलमेर पहुंचा। हवा की रफ्तार अधिक होने के कारण पूरे क्षेत्र में तबाही मचाते हुए यह आगे बढ़ा। तूफान ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया और उनकी करोड़ों रूपये की फसलें तिनके की तरह उड़ गई। खेतों में तबाही का मंजर साफ नजर आ रहा है। बड़ी संख्या में किसानों ने जीरे की उपज को काट कर खेतों में रखा हुआ था। तेज हवा के साथ कटी हुई जीरे तथा अन्य फसलों की उपज भी उड़ गई।

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केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने राज्य सरकार से आग्रह किया हैं कि तूफान से हुए किसानों को हुए नुकसान की शीघ्र संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट तैयार कराई जाये ताकि पीड़ित किसानों को सहायता दी जा सके।

अंतर्राष्ट्रीय सीमा भारत-पाकिस्तान पर भी तैनात सीमा सुरक्षा बल के जवानों को भी इस तूफान में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। फिर भी वे मुस्तेदी से सीमाओं की रक्षा करते रहे, सीमा पर कुछ कच्चे टावरों एवं टिन शेडो के उड़ने की जानकारी मिली हैं। पूरे सीमा क्षेत्र में बिजली पोल गिरने से पूरी सीमा अंधेरे में डूब गई जिन्हें फिर जनरेटर चलाकर रोशन किया गया लेकिन तूफान से कई फ्ल्ड लाईटे ध्वस्त हो गई हैं।

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विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता नरेन्द्र कुमार जोशी ने बताया कि विभाग को इस तूफान में भारी नुकसान उठाना पड़ा हैं। जहां तूफान के कारण भोपा जी.एस.एस ध्वस्त हो गया, वही 220 के.वी एवं 132 के.वी के टावर भी गिर गए। इसके अलावा 33 के.वी के करीब 150 से ज्यादा पोल गिर गए हैं। जिले में बड़ी संख्या में गांव की विद्युत आपूर्ति विच्छेद हो गई। इनमें से 70 प्रतिशत आपूर्ति को बहाल कर दिया गया हैं लेकिन अभी भी 60 से ज्यादा गांव अंधेरे में डूबे हुए हैं जहां पर विद्युत आपूर्ति बहाल होने में दो दिन का समय लगेगा।

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