जीवन रक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कथित कालाबाजारी करने को लेकर दमन की एक औषधि निर्माता कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी और उसके सहायक को गुजरात के वलसाड जिले से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। कोविड-19 के इलाज के लिए इस इंजेक्शन की भारी मांग है।
वलसाड जिला पुलिस अधीक्षक राजदीप सिंह जाला ने बताया कि गिरफ्तार किये गये दोनों व्यक्तियों की पहचान दमन की ब्रुक फार्मा के तकनीकी निदेशक मनीष सिंह और उसके सहयोगी वरूण कुंद्रा के रूप में की गई है। उन्होंने बताया कि कुंद्रा की दमन में फर्नीचर की दुकान है।
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उन्होंने बताया कि दोनों को वलसाड जिले के वापी कस्बे से 15 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया और उनके पास से रेमडेसिविर इंजेक्शन की 18 शीशी बरामद की गईं। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस को इस बारे में एक गुप्त सूचना मिली थी कि कुंद्रा रेमडेसिविर के इंजेक्शन बगैर लाइसेंस के अत्यधिक दाम पर बेच रहा है, जिसके बाद एक जाल बिछाया गया।
उन्होंने बताया कि इसके बाद एक पुलिसकर्मी को ग्राहक के वेश में कुंद्रा के पास भेजा गया और आरोपी एक इंजेक्शन 12,000 रुपये में और 12 इंजेक्शन 1.44 लाख रुपये में बेचने के लिए राजी हुआ, तभी उसे पकड़ लिया गया।
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जाला ने बताया कि कुंद्रा ने दावा किया कि उसने यह दवा अपने मित्र मनीष सिंह से खरीदी थी, जिसके बाद सिंह को इंजेक्शन की छह शीशी के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। उनहोंने बताया कि इस सिलसिले में एक मामला दर्ज किया गया है।