नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते मामलों के बावजूद भारतीयों की जिंदादिली ने देश की अर्थव्यवस्था को संभालने का काम किया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था में गिरावट रुकने और स्थिर होने के संकेत अगस्त महीने में मिले हैं। यानी, भारतीय अर्थव्यवस्था में गिरावट का दौर खत्म हो गया है। यह मैन्युफैक्चरिंग (विर्निमाण) और सेवा क्षेत्र में लगातार हो रहे सुधार के कारण हुआ है।
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ये पांच सूचक दे रहे सुधारक के संकेत
- पेट्रोल और डीजल की मांग में बढ़ोतरी
- बिजली की मांग 90% तक पहुंची
- टो संग्रह में लगातार हो रही वृद्धि
- जीएसटी संग्रह में गिरावट के बाद सुधार
- ई-वे बिल की संख्या में बढ़ोतरी जारी
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था के आठ कोर सेक्टर्स में पांच में सुधार हुआ है। वहीं, दो में बदलाव नहीं औैर एक में गिरावट दर्ज की गई है। रिपोर्ट के अुनसार लोगों की जिंदादिली (एनिमल स्पिरिट) ने अर्थव्यवस्था को नीचे लुढ़ने से रोका है।
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भारतीय जीडीपी पहली तिमाही में करीब 24 फीसदी नीचे लुढ़क गई थी लेकिन तीन महीने के बाद अगस्त में एक बार फिर से मांग बढ़ी है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर करने का काम कर रहा है। हालांकि,अभी भी अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से रफ्तार में आने में लंबा वक्त लगेगा क्योंकि कोरोना के बढ़ते मामले से आर्थिक गतिविधियां लगातार बाधित हो रही हैं।