श्री तिवारी ने कहा कि प्रत्येक टीम में स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय निकाय (शहरी क्षेत्र) अथवा ग्राम विकास/पंचायती राज (ग्रामीण क्षेत्र) तथा स्थानीय प्रशासन में से एक सदस्य (कुल 3) होंगे। कंटेनमेंट जोन का निर्धारण तथा गतिविधि हेतु कार्ययोजना बनाते समय पल्स पोलियो अभियान की ही भांति गतिविधि के प्रारंभिक तथा अंतिम बिंदु का चिन्हीकरण करते हुए कार्य सम्पादित किया जाएगा।
प्रत्येक टीम के सदस्य अपने क्षेत्र में घर-घर जाकर जनसामान्य को कोविड रोग से बचाव तथा लक्षणों के विषय में जानकारी देंगे । साथ ही खांसी, जुखाम, बुखार, सांस लेने में परेशानी आदि लक्षण वाले रोगियों को चिन्हित कर, ऐसे रोगियों का नाम, पूर्ण पता, मोबाइल नंबर तथा अन्य विवरण अपने प्रपत्र पर अंकित करेंगे।
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प्रत्येक पांच टीमों पर एक सुपरवाइजर चिन्हित किया जाएगा जो अपने अधीन पांचों टीम का कार्य समाप्त होने के उपरान्त, समस्त सूचनाओं का संकलन कर, जिला सर्विलेंस अधिकारी को अपरान्ह् में उपलब्ध कराएगा जो जनपद की सूचना को संकलित कर राज्य मुख्यालय को उपलब्ध कराएंगे।
कंटेनमेंट जोन में कोविड-19 लक्षण युक्त पाए गए सभी व्यक्तियों की जांच हेतु नमूना संकलित कर सम्बंधित प्रयोगशाला को प्रेषित किए जाने का उत्तरदायित्व सैंपल कलेक्शन टीम के नोडल का होगा। यदि कोई नोडल अधिकारी चिन्हित नहीं है तो ऐसी स्थिति में उक्त दायित्व जिला सर्विलांस अधिकारी का होगा।
मुख्य सचिव ने सभी पुलिस आयुक्त, जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये हैं कि उक्त दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करायें।