लखनऊ में मंगलवार को विधान भवन के सामने आत्मदाह का प्रयास करने वाले ठेकेदार नरेंद्र को गुरुवार को शांति भंग (151) में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। नरेंद्र ने खाद्य विभाग मार्केटिंग इंस्पेक्टर और उनके रिश्तेदार पर फर्जी मामले में फंसाने का आरोप लगाते हुए यह कदम उठाया था।
गिरफ्तारी के पीछे पुलिस आरोपी के कानून व्यवस्था को दोबारा बिगाड़ने की कोशिश करने की आशंका बता रही है। वहीं पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी नरेंद्र मिश्र घटना के बाद से लगातार सरकार व कानून व्यवस्था को लेकर आपत्तिजनक वीडियो व मैसेज वायरल कर था। जैसे उसने आत्मदाह के प्रयास से पहले व्हाट्सएप पर मैसेज वायरल किया था। इंस्पेक्टर हजरतगंज श्यामबाबू शुक्ला ने बताया कि नरेंद्र मिश्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
नरेंद्र संभागीय खाद्य नियंत्रक (आरएफसी) कार्यालय में ठेकेदारी करते थें। उन्होंने मार्केटिंग इंस्पेक्टर आदित्य सिंह और उनके फुफेरे भाई सौरभ पर पुलिस की मिली फर्जी मुकदमा दर्ज कराकर जेल भेजने और प्रताड़ना का आरोप लगाया था। जमानत पर छूटने के बाद से वह लगातार कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे। इसके चलते उन्हें शांति भंग में गिरफ्तार किया गया है।
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यूपी राजधानी लखनऊ के संभागीय खाद्य नियंत्रक (आरएफसी) कार्यालय में ठेकेदारी करता हूं। यहीं के मार्केटिंग इंस्पेक्टर आदित्य सिंह व उनकी बुआ की बेटा सौरभ सिंह मेरे साथ विभागीय ठेकेदारी में साझेदार हैं। जिन्होंने 1.25 करोड़ का गबन का झूठा आरोप लगा जेल भिजवा दिया। मेरी कहीं सुनवाई न होने पर आत्मदाह के सिवाय कोई और रास्ता नहीं बचा है। मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी व अन्य संबंधित लोगों को पूरी जिम्मेदारी के साथ अवगत करा रहा हूं कि 24 आगस्त को मैं विधान भवन के सामने आत्मदाह करूगा। मेरी कोई नहीं सुन रहा। नरेंद्र मिश्र, किशोरगंज, कैंपवेल रोड, लखनऊ
इंस्पेक्टर तालकटोरा अशोक कुमार सरोज के मुताबिक नरेंद्र मिश्र के खिलाफ गोमतीनगर विस्तार निवासी सौरभ सिंह ने धोखाधड़ी, मारपीट व जान से मारने की धमकी का मुकदमा गोमतीनगर थाने में दर्ज कराया था। जिसकी विवेचना तालकटोरा थाना भेज दी गई थी। जांच के आधार पर नरेंद्र मिश्र का 24 जून को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया था। जहां से जमानत पर छूटने के बाद आत्मदाह का प्रयास किया। इनका दोनों का राजाजीपुरम स्थित वेयर हाउस के माल को लेकर विवाद है। जिसको लेकर तगादा करने पर कई बार विवाद हुआ है।