अखंड सौभाग्य का व्रत करवा चौथ (Karwa Chauth) कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं अपने सुहाग के दीर्घायु और सुखी जीवन के लिए निर्जला व्रत रखेंगी। करवा चौथ पर ग्रहों का महायोग है। ज्योतिषाचार्य पंडित प्रभात मिश्र ने बताया कि शनि कुम्भ राशि में, गुरु वृष राशि में और शुक्र वृश्चिक राशि में हैं। तीनों ग्रहों के शुभ प्रभाव से कई अच्छे संयोग बन रहे हैं। पति के भाग्योदय होंगे और बिगड़े काम बनेंगे।
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक रविवार का दिन होने की वजह से व्रती महिलाओं को गणेश भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होगा। बताया कि इस बार रोहिणी नक्षत्र में चांद निकलेगा और पूजन होगा। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर रविवार की संध्या 07 बजकर 57 मिनट पर चांद निकलने का समय है। वहीं, पूजन के लिए शुभ मुहूर्त शाम 07:5 से लेकर 08:48 तक रहेगा।
करवा चौथ (Karwa Chauth) के मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त दिन में 11:43 बजे से 12:28 बजे तक
शुभ मुहूर्त शाम 05:46 बजे से 07:21 बजे तक
निशिथ मुहूर्त रात 11:41 बजे से 12:31 बजे तक
पूजा-विधि
– सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
– स्नान करने के बाद मंदिर की साफ- सफाई कर ज्योत जलाएं।
– देवी- देवताओं की पूजा- अर्चना करें।
– निर्जला व्रत का संकल्प लें।
– इस पावन दिन शिव परिवार की पूजा- अर्चना की जाती है।
– सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
– माता पार्वती, भगवान शिव और भगवान कार्तिकेय की पूजा करें।
– करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा की पूजा की जाती है।
– चंद्र दर्शन के बाद पति को छलनी से देखें।
– इसके बाद पति द्वारा पत्नी को पानी पिलाकर व्रत तोड़ा जाता है।